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This Article is From Aug 05, 2020

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण का मामला संविधान पीठ को भेजा

अब आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण के मामले की पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण का मामला संविधान पीठ को भेजा
सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को दस फीसदी आरक्षण के मामले में अब पांच जजों का संविधान पीठ (Constitution Bench) सुनवाई  करेगी. तीन जजों की बेंच ने यह फैसला किया है. आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ रैफर किया गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 31 जुलाई 2019 को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था.  

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस आरक्षण पर फिलहाल कोई रोक नहीं है. सबसे पहले हम यह तय करेंगे कि इस मामले को संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं? जिस दिन कोर्ट इस बाबत अपना फैसला सुनाएगा उसी दिन कोर्ट यह तय करेगा कि अंतरिम आदेश (अंतरिम रोक) को लेकर सुनवाई कब से शुरू की जाए. याचिकाकर्ता ने मामले को संविधान पीठ में भेजने की मांग की थी. 

केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया और कहा कि ज्यादातर बिंदु सुप्रीम कोर्ट के फैसलों में कवर हो चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरक्षण आदर्श रूप से अवसर की समानता लाने के लिए है. आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को नौकरियों और दाखिलों  में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.

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