- उत्तर भारत के कई इलाकों में घना कोहरा फैलने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है
- यमुना एक्सप्रेसवे पर पिछले मंगलवार को कोहरे के कारण भीषण दुर्घटना में 19 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए
- मथुरा प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए वाहनों की अधिकतम गति सीमित करते हुए स्पीड लिमिट में बदलाव किए हैं
उत्तर भारत में कोहरे का सितम बढ़ता जा रहा है. दिल्ली से लेकर पंजाब-हरियाणा और बिहार तक कई इलाके सुबह के समय कोहरे में लिपटे नजर आ रहे हैं. सड़कों पर वाहन रेंग रहे हैं. एक्सप्रेसवे पर लगातार वाहन आपस में टकरा रहे हैं. बीते मंगलवार कोहरे की वजह से यमुना एक्सप्रेसवे पर एक भीषण हादसा हुआ था, जिसमें 19 लोगों की जान गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसी स्थिति को देखते हुए मथुरा जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है.
स्पीड लिमिट में हुआ बदलाव
हादसों को रोकने के लिए प्रशासन ने अब वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाने का बड़ा फैसला लिया है. धुंध और कोहरे को देखते हुए प्रशासन ने वाहनों की स्पीड लिमिट में बदलाव के निर्देश दिए हैं. छोटी गाड़ियों अधिकतम 60 किमी/घंटा, बसें अधिकतम 50 किमी/घंटा और ट्रक अधिकतम 40 किमी/घंटा की स्पीड से ही सड़क पर चल पाएंगे.
सॉफ्टवेयर में होगा बदलाव, तुरंत कटेगा चालान
स्पीड लिमिट के साथ ही प्रशासन ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्पीड मापने वाले सॉफ्टवेयर में तुरंत बदलाव किया जाए. अब जैसे ही कोई वाहन तय सीमा से ऊपर जाएगा, उसका ऑनलाइन चालान अपने आप कट जाएगा. कंट्रोल रूम में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर गाड़ी की रफ्तार पर नजर रखी जाएगी.
जीरो विजिबिलिटी पर थम जाएंगे पहिए
एसपी देहात सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि कोहरे के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने कहा, "अगर कोहरा इतना घना होता है कि विजिबिलिटी 50 मीटर से कम रह जाती है तो वाहनों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया जाएगा. कोहरा छंटने और रास्ता साफ दिखने पर ही गाड़ियों को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी."
प्रशासन का मानना है कि इन सख्त कदमों से यमुना एक्सप्रेसवे पर होने वाले जानलेवा हादसों में कमी आएगी और यात्रियों का सफर सुरक्षित हो सकेगा.
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