भारतीय टेक्सटाइल इंडस्ट्री को दुनिया में नंबर वन बनाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक नई और बड़ी योजना 'टेक्स-रैम्प्स' (Tex-RAMPS) को हरी झंडी दे दी है. यह योजना खासकर कपड़ा सेक्टर में रिसर्च, इनोवेशन और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए लाई गई है.
क्या है 'टेक्स-रैम्प्स' योजना?
इस योजना का अहम मकसद भारतीय कपड़ा और गारमेंट इंडस्ट्री को भविष्य के लिए तैयार करना और ग्लोबल मार्केट में देश की पहचान को मजबूत करना है. यह योजना पूरी तरह से वस्त्र मंत्रालय द्वारा चलाई और फंड की जाएगी. साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक कुल इस पर 305 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि, "यह योजना रिसर्च, डेटा और इनोवेशन को एक साथ लाकर देश के वस्त्र क्षेत्र को मजबूत बनाएगी, ताकि भारत टेक्नोलॉजी में विश्व गुरु बन सके.
5 बड़े फोकस एरिया
यह योजना पांच खास हिस्सों पर काम करेगी, जिनमें शामिल हैं-
- रिसर्च और इनोवेश
नए कपड़े, तकनीक और मशीनें बनाना.
- डेटा और एनालिसिस
सही जानकारी जुटाकर नीतियां बनाना.
- क्षमता विकास
लोगों को ट्रेनिंग देकर काबिल बनाना.
- स्टार्ट-अप को मदद
कपड़ा क्षेत्र में नए आइडिया वाले स्टार्ट-अप को सपोर्ट करना.
इको-सिस्टम होगा मजबूत
सरकार का मानना है कि यह योजना भारत के वस्त्र इको-सिस्टम को मजबूत, लचीला और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी.
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