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पत्रकार पर हमले मामले में तेलुगू एक्टर मोहन बाबू को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानें अदालत में क्या हुआ

मोहन बाबू ने पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय से जमानत मांगी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.

पत्रकार पर हमले मामले में तेलुगू एक्टर मोहन बाबू को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानें अदालत में क्या हुआ
एक्टर मोहन बाबू
नई दिल्ली:

पत्रकार पर हमला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तेलुगू अभिनेता और निर्देशक मोहन बाबू को राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशक को 4 सप्ताह तक गिरफ्तारी से बचाया. सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना पुलिस को नोटिस भी जारी किया. सुप्रीम कोर्ट टीवी9 पत्रकार  से जुड़े हमले के मामले में दक्षिण के दिग्गज अभिनेता और निर्माता मोहन बाबू की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

मोहन बाबू ने पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय से जमानत मांगी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी. पत्रकार के वकील ने कहा कि मेरे जबड़े में फ्रैक्चर था, मैं पाइप के जरिए खाना लेता था. वह 76 साल के हैं, लेकिन उन्होंने मुझ पर, हमला किया. जबकि मैं 35 साल का हूं. अभिनेता के लिए मुकव रोहतगी ने कहा कि मैं दुख व्यक्त करने के लिए अस्पताल गया था. सब कुछ अचानक हुआ.

मैं माफी मांगने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिए तैयार हूं और यहां तक ​​कि मुआवजा भी देने के लिए तैयार हूं. यह चोट का मामला था. अब उन्होंने हत्या के प्रयास को भी जोड़ दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक कोई कठोर  उपाय नहीं. सरकार जवाब दाखिल करें. 4 सप्ताह बाद सूचीबद्ध करें. पत्रकार के वकील ने कहा कि मेरा करियर प्रभावित हुआ है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें बताएं कि क्या आपको मुआवजा नहीं चाहिए.

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