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This Article is From Feb 16, 2024

"कालेश्वरम परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर": CAG रिपोर्ट में दावा

सीएजी रिपोर्ट (CAG Report On Kaleshwaram Project) की एग्जीक्यूटिव समरी में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने पूरी कालेश्वरम परियोजना के लिए प्रशासनिक मंजूरी नहीं दी और इसके बजाय उसने अलग-अलग मंजूरी जारी की है. कुल मिलाकर 1,10,248.48 करोड़ रुपये की 73 प्रशासनिक मंजूरी दी गई.

"कालेश्वरम परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर":  CAG रिपोर्ट में दावा
कालेश्वरम परियोजना पर CAG की रिपोर्ट.
नई दिल्ली:

तेलंगाना की कालेश्वरम परियोजना (Kaleshwaram Project) पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने  एक निराशाजनक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि यह परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से कमजोर. रिपोर्ट में भारी लागत वृद्धि, ठेकेदारों को मिलने वाले संभावित अनुचित लाभ और इसमें शामिल खराब योजना का विवरण दिया गया है  सीएजी ने गुरुवार को कहा कि कमलेश्वरम सिंचाई परियोजना की लागत में1.47 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का वित्तीय बोझ पड़ेगा. जबकि केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने अनुमान लगाया है कि कमलेश्वरम परियोजना की लागत 81,911 करोड़ रुपये है. 

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कालेश्वरम के ऑडिट पर CAG की रिपोर्ट

पिछली बीआरएस सरकार की प्रमुख परियोजना, कालेश्वरम के ऑडिट पर सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई थी. सीएजी ने यह भी पाया कि यह परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से सही नहीं थी. पिछले साल मेदिगड्डा बैराज के कुछ घाटों के "डूबने" के बाद से कालेश्वरम परियोजना विवादों में घिर गई है. 

नेशनल डेम सेफ्टी अथॉरिटी (एनडीएसए) ने नवंबर में पाया कि मेडीगड्डा बैराज को गंभीर रूप से नुकसान हुआ है और जब तक इसे पूरी तरह से नहीं बनाया जाता, तब तक यह सही नहीं हो सकता.  पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में बीआरएस की हार का एक बड़ा कारण बैराज को हुए नुकसान को माना जा रहा है.

 क्या है कालेश्वरम परियोजना?

कालेश्वरम परियोजना तत्कालीन अविभाजित आंध्र प्रदेश राज्य द्वारा तैयार की गई डॉ. बी आर अंबेडकर प्राणहिता-चेवेल्ला सुजला श्रवणथी लिफ्ट सिंचाई योजना (पीसीएसएस परियोजना) की एक शाखा है. सीएजी रिपोर्ट की एग्जीक्यूटिव समरी में कहा गया है कि तेलंगाना सरकार ने पूरी परियोजना के लिए प्रशासनिक मंजूरी नहीं दी और इसके बजाय उसने अलग-अलग मंजूरी जारी की है. कुल मिलाकर 1,10,248.48 करोड़ रुपये की 73 प्रशासनिक मंजूरी दी गई, प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग पैटर्न के बारे में सरकार की ओर से कोई आदेश नहीं दिया गया.

क्या कहती है CAG रिपोर्ट?

CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि कालेश्वरम परियोजना (मार्च 2022) पर किए गए 86,788.06 करोड़ के कुल खर्चे में से 55,807.86 करोड़ (64.3 प्रतिशत) का खर्च  KIPCL (कालेश्वरम सिंचाई परियोजना निगम लिमिटेड) द्वारा उठाए गए ऑफ-बजट उधार (ओबीबी) से पूरा किया गया था. साथ ही ये भी कहा गया कि, "पंप, मोटर आदि की आपूर्ति और कमीशनिंग के लिए ठेकेदारों को कम से कम 2,684.73 करोड़ के अनुचित लाभ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. इसके अलावा, निविदा के बाद मूल्य समायोजन खंड को शामिल करने के तहत 1,342.48 करोड़ का अवॉयडेवल भुगतान हुआ."

कालेश्वरम परियोजना का लाभ-लागत अनुपात (बीसीआर) बढ़ा दिया गया था.  81,911.01 करोड़ की कम बताई गई परियोजना की लागत के साथ ही बीसीआर 0.75 बैठता है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नई संभावित परियोजना लागत (1,47,427.41 करोड़ रुपये) को ध्यान में रखते हुए, बीसीआर 0.52 बैठता है. इसका मतलब है कि परियोजना पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये से केवल 52 पैसे मिलेंगे. यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कालेश्वरम परियोजना शुरू से ही आर्थिक रूप से लाभकारी नहीं है. 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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