जमीन के बदले नौकरी घोटाला में तेजस्वी यादव को आज यानी शनिवार को सीबीआई ने अपने दिल्ली दफ्तर में तलब किया है. इस मामले में लालू यादव और उनका पूरा परिवार सीबीआई की जांच की जद में है. इससे पहले 4 फरवरी को भी तेजस्वी यादव को सीबीआई ने जांच के लिए बुलाया था, लेकिन वह विधानसभा सत्र चलने का हवाला देकर दिल्ली नहीं पहुंचे थे. इस बार तेजस्वी यादव ने सीबीआई को पत्र लिखकर पत्नी की तबीयत का हवाला देते हुए समन टालने की मांग की है.
गौरतलब है कि 2006-07 में एक कंपनी एके इंफोसिस्टम ने 6-7 जमीनें रजिस्ट्री कराईं थीं. उस समय रजिस्ट्री में लगभग 2 करोड़ की कीमत जमीनों की दिखाई गई थी, जबकि मार्केट वैल्यू लगभग 10 करोड़ थी. बाद में इस कंपनी में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने इंट्री कर कर ली थी. वर्तमान में इस कंपनी के आधे शेयर राबड़ी देवी के हैं और आधे तेजस्वी यादव के हैं. अब तक 10 लोग ऐसे चिन्हित हो चुके हैं, जिन्हें रेलवे के ग्रुप डी की उस समय नौकरी मिली और इसके बदले उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री की थी.
यह है मामला
लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के पद पर रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में भूखंड प्राप्त होने या इसे बेचने के बदले में लोगों को रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिये जाने से संबद्ध है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले में आपराधिक षड्यंत्र और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत प्रसाद, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ एक आरोपपत्र दाखिल किया था.
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