फाइल फोटो
नई दिल्ली:
वायुसेना ने सोमवार को कहा कि आयरन फीस्ट-2016 अभ्यास के दौरान स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस से प्रक्षेपित लेजर गाइडेड बम (एलजीबी) लक्ष्य पर निशाना लगाने से चूक गया था लेकिन वायुसेना ने इसे ‘विफलता’ कहने से इनकार किया।
शुक्रवार को वायु सेना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी सैन्य क्षमता का मुजाहिरा किया था और तब एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि तेजस ने लक्ष्य पर निशाना साधा।
एक अन्य मिराज लड़ाकू विमान भी खराब मौसम के कारण इस अभ्यास के दौरान निशाना नहीं भेद पाया। यह अभ्यास हर तीसरे साल किया जाता है।
वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एलसीए (तेजस) से प्रक्षेपित एलजीबी निशाने से चूक गया था और हम पता लगा रहे हैं कि यह क्यों हुआ। बम में कोई गड़बड़ी थी।’’ उन्होंने कहा कि पायलट अथवा विमान की कोई चूक नहीं थी।
उन्होंने इसे ‘‘असफलता’’ करार देने से इंकार करते हुए कहा कि प्रक्षेपास्त्रों का लक्ष्य को भेद देना बहुत सामान्य (नियमित) है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपास्त्रों की लक्ष्यों को भेदने की सटीकता अलग होती है और सामान्य तौर पर यह 90-93 प्रतिशत होती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह लक्ष्य के बहुत निकट था।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘मौसम अनुकूल नहीं था और मिसाइल को प्रक्षेपित किये जाने से कुछ सेकेंड पहले पायलट ने लक्ष्य नहीं देखा था। हम कोई भी कमी नहीं रहने देना चाहते थे क्योंकि वहां वीवीआईपी थे। इसलिए हमने पायलट से प्रक्षेपण नहीं करने को कहा।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शुक्रवार को वायु सेना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी सैन्य क्षमता का मुजाहिरा किया था और तब एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि तेजस ने लक्ष्य पर निशाना साधा।
एक अन्य मिराज लड़ाकू विमान भी खराब मौसम के कारण इस अभ्यास के दौरान निशाना नहीं भेद पाया। यह अभ्यास हर तीसरे साल किया जाता है।
वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एलसीए (तेजस) से प्रक्षेपित एलजीबी निशाने से चूक गया था और हम पता लगा रहे हैं कि यह क्यों हुआ। बम में कोई गड़बड़ी थी।’’ उन्होंने कहा कि पायलट अथवा विमान की कोई चूक नहीं थी।
उन्होंने इसे ‘‘असफलता’’ करार देने से इंकार करते हुए कहा कि प्रक्षेपास्त्रों का लक्ष्य को भेद देना बहुत सामान्य (नियमित) है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपास्त्रों की लक्ष्यों को भेदने की सटीकता अलग होती है और सामान्य तौर पर यह 90-93 प्रतिशत होती है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह लक्ष्य के बहुत निकट था।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘मौसम अनुकूल नहीं था और मिसाइल को प्रक्षेपित किये जाने से कुछ सेकेंड पहले पायलट ने लक्ष्य नहीं देखा था। हम कोई भी कमी नहीं रहने देना चाहते थे क्योंकि वहां वीवीआईपी थे। इसलिए हमने पायलट से प्रक्षेपण नहीं करने को कहा।’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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