सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी है. हालांकि कोर्ट ने इसके लिए उनके सामने 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा कराने की शर्त भी रखी है. साथ ही कोर्ट ने उन्हें अपनी यात्रा के विवरण के साथ अंडरटेकिंग देने का भी निर्देश दिया है. सीतलवाड़ ने एक नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में भाग लेने के लिए विदेश जाने की अनुमति मांगी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को सुनवाई के दौरान उन्हें विदेश जाने की अनुमति दे दी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि सम्मेलन समाप्त होने के बाद उन्हें अपना पासपोर्ट वापस सौंपना होगा.
आपराधिक मामले में जमानत पर हैं सीतलवाड़
सीतलवाड़ वर्तमान में 2002 के गुजरात दंगों से निपटने के लिए गुजरात राज्य और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की साजिश के आरोपों से जुड़े एक आपराधिक मामले में जमानत पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को पलटते हुए जुलाई 2023 में उनकी जमानत याचिका को मंजूरी दी थी. उस वक्त शीर्ष अदालत ने जमानत की शर्त के रूप में सीतलवाड़ से अपना पासपोर्ट जमा करने को भी कहा था.
मलेशिया जाने के लिए मांगी है जमानत शर्त में छूट
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ को उनके वकील ने बताया कि तीस्ता सीतलवाड़ 31 अगस्त से 10 सितंबर तक मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर की यात्रा करने के लिए जमानत शर्त में छूट की मांग कर रही हैं, जिससे वे नस्लवाद विरोधी सम्मेलन में भाग ले सकें.
ये भी पढ़ें :
* "देश एक और रेप का इंतज़ार...": कोलकाता केस में SC ने ममता सरकार को लगाई फटकार
* 42 साल तक जिंदा लाश बनकर रही... जानिए क्या है अरुणा शानबाग केस? कोलकाता रेप और हत्या मामले पर क्यों हो रही चर्चा
* लड़कियों की 'यौन इच्छा' वाली टिप्पणी और रेप के आरोपी को बरी करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले पर SC का एक्शन
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं