Taranagar Election Results 2023: जानें, तरणागर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

तरणागर विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 237250 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 56968 ने कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र बुडानिया को वोट देकर जिताया था, जबकि 44413 वोट पा सके भाजपा प्रत्याशी राकेश जागिड़ 12555 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Taranagar Election Results 2023: जानें, तरणागर (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के उत्तर क्षेत्र में मौजूद है चूरू जिला, जहां बसा है तरणागर विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 237250 मतदाता थे, और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार नरेंद्र बुडानिया को 56968 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि भाजपा उम्मीदवार राकेश जागिड़ को 44413 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 12555 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में तरणागर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार जयनारायण पूनिया ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 65654 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. चंद्रशेखर वैद्य को 54518 वोट मिल पाए थे, और वह 11136 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में तरणागर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र राठौड़ को कुल 54517 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. चंद्रशेखर वैद्य दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 36904 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 17613 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

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वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.