तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को दूरदर्शन केंद्र चेन्नई के हिंदी माह समापन समारोह की निंदा करते हुए राज्य के राज्यपाल आर एन रवि पर निशाना साधा है. इस कार्यक्रम में राज्यपाल आर एन रवि मुख्य अतिथि के रूप में शामिल थे. स्टालिन ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि बहुभाषी राष्ट्र में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी माह मनाना अन्य भाषाओं को नीचा दिखाने का प्रयास है. वहीं, सत्तारूढ़ द्रमुक की छात्र शाखा ने केंद्र सरकार की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
क्या है पूरा मामला
ये विवाद तब शुरू हुआ जब शुक्रवार को तमिलनाडु के राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गायकों द्वारा 'द्रविड़' शब्द की एक पंक्ति को छोड़ दिया गया. स्टालिन ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "आपने इस चूक को तुरंत ठीक क्यों नहीं किया?" उन्होंने राज्यपाल पर "अतीत में द्रविड़ मॉडल" का उल्लेख न करने का आरोप लगाया और पोस्ट में लिखा कि जब यह आपका इतिहास है, तो तमिल कैसे मानेंगे कि यह चूक अनजाने में हुई थी?"
I strongly condemn the celebration of Hindi Month valedictory function along with the Golden Jubilee celebrations of Chennai Doordarshan.
— M.K.Stalin (@mkstalin) October 18, 2024
Hon'ble @PMOIndia,
The Constitution of India does not grant national language status to any language. In a multilingual nation, celebrating…
मुख्यमंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं चेन्नई दूरदर्शन के स्वर्ण जयंती समारोह के साथ हिंदी माह समापन समारोह मनाने की निंदा करता हूं. माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय भारत का संविधान किसी भी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा नहीं देता.'' उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मेरा सुझाव है कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में इस तरह के हिंदी-केंद्रित आयोजनों को टाला जाना चाहिए और इसके बजाय संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषा माह के आयोजन को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.''
हिंदी थोपने का कदम
दूसरी ओर द्रमुक की छात्र इकाई के अध्यक्ष आर राजीव गांधी ने कहा कि भाजपा नीत सरकार लगातार गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने के प्रयास में लगी हुई है. यह निंदनीय है. द्रमुक और राज्य के अधिकतर राजनीतिक दल तमिलनाडु पर हिंदी थोपने के कदम का विरोध कर रहे हैं. लेकिन, केंद्र केवल आग में घी डालने का काम कर रहा है.'
तमिलनाडु को भारत से अलग करने का प्रयास
राज्यपाल आर एन रवि ने शुक्रवार को दावा किया कि भाषा के आधार पर तमिलनाडु को शेष भारत से अलग करने का प्रयास किया जा रहा है और आगाह किया कि ऐसा प्रयास सफल नहीं होगा. रवि ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु देश का एकमात्र राज्य है जो त्रिभाषा फार्मूले में अन्य भारतीय भाषाओं को शामिल करने का विरोध कर रहा है, जबकि 27 अन्य राज्यों ने इस नीति को स्वीकार कर लिया है.
राज्यपाल ने दूरदर्शन तमिल कार्यालय में आयोजित हिंदी माह के समापन समारोह में राज्य में राजनीतिक दलों द्वारा इस भाषा का विरोध करने का जिक्र करते हुए कहा कि हिंदी (थोपने) के खिलाफ विमर्श एक बहाना है. उन्होंने कहा, 'वे संवाद को तोड़ना चाहते हैं... एक जहरीली नीति और एक अलगाववादी नीति भारत की एकता को कमजोर नहीं कर सकती.'
रवि ने कहा, 'तमिलनाडु को देश के बाकी हिस्सों से अलग करने, काटने और अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है. इस देश को तोड़ने के इस अलगाववादी एजेंडे और इस तरह से सोचने वालों को याद रखना चाहिए कि भारत को विभाजित नहीं किया जा सकता है.' (भाषा इनपुट के साथ)
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