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BJP-BJD में गठबंधन की अब भी चल रही बात? भाजपा ओडिशा इकाई के अध्यक्ष ने पुराना बयान वापस लिया

BJP-BJD alliance : ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने हैं. दोनों पार्टियों के बीच 11 साल तक यानी 1998 से 2009 तक गठबंधन रहा.

BJP-BJD में गठबंधन की अब भी चल रही बात? भाजपा ओडिशा इकाई के अध्यक्ष ने पुराना बयान वापस लिया
बीजू जनता दल (बीजद) और भाजपा के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की चर्चा कई दिनों से चल रही है.
भुवनेश्वर:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने अपने उस बयान को कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि पार्टी राज्य में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. सामल ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस संबंध में पार्टी के संसदीय दल का निर्णय अंतिम होगा. सामल का पिछला बयान ऐसे समय में आया, जब बीजू जनता दल (बीजद) और भाजपा के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की चर्चा हो रही है.

केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद दिन में राष्ट्रीय राजधानी से लौटने पर सामल ने कहा, ‘‘ भाजपा लोगों के आशीर्वाद और सहयोग से राज्य में अपने दम पर सरकार बनाएगी.'' इस बयान के लगभग दो घंटे बाद उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष या संसदीय दल जो भी कहेंगे, वही अंतिम निर्णय होगा. मीडिया को मेरे बयान के आधार पर कहानी नहीं बनानी चाहिए.''

सामल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने उस पोस्ट को भी हटा दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि ओडिशा में भाजपा अपने दम पर राज्य में सरकार बनाएगी. उस पोस्ट को हटाने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पार्टी ओडिशा ‘अस्मिता' (गौरव) के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी.''

बीजद के साथ गठबंधन के बारे में बार-बार पूछे जाने पर सामल ने कहा था, ‘‘ यदि ऐसा मामला होता तो मैं यह नहीं कहता कि भाजपा ओडिशा में सरकार बनाएगी.'' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजद विधायक संबित राउतराय ने कहा, ‘‘ अगर भाजपा गठबंधन नहीं चाहती है तो सामल हर दिन दिल्ली के लिए क्यों दौड़ लगा रहे थे? हमने उन्हें वहां जाने के लिए नहीं कहा था. उनके हाव-भाव और मीडिया में दिए बयानों ने अटकलों को हवा दी है कि गठबंधन हो सकता है. बीजद के किसी भी नेता ने गठबंधन के बारे में कभी कुछ नहीं कहा.''

इस बीच, बीजद ने आज दोपहर पार्टी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवास नवीन निवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओडिशा यात्रा के एक दिन बाद छह मार्च को क्षेत्रीय पार्टी ने बैठक बुलाई थी. बीजद के उपाध्यक्ष एवं विधायक देवी प्रसाद मिश्रा ने उस समय भाजपा के साथ संभावित गठबंधन की चर्चा की बात स्वीकार की थी और कहा था कि पार्टी ‘‘ओडिशा के लोगों के व्यापक हितों को प्राथमिकता देगी.''

बाद में, 10 मार्च की शाम को ओडिशा भाजपा नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में बुलाए जाने के बाद बीजद और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावना और भी प्रबल हो गई. नेताओं ने तीन दिन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ कई दौर की चर्चा की. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने प्रधान को पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं की राय जानने का काम सौंपा था.

सामल ने संगठन सचिव मानस मोहंती, ओडिशा चुनाव प्रभारी विजय पाल सिंह तोमर और उनकी सहायक लता उसेंदी के साथ बुधवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक की. सूत्रों ने बताया कि भाजपा की प्रदेश इकाई के नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है कि कैसे बीजद ने 2008 में कंधमाल दंगे के बाद 2009 के आम चुनावों से पहले उनकी पार्टी से नाता तोड़ लिया और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग हो गई थी. दोनों पार्टियों के बीच 11 साल तक यानी 1998 से 2009 तक गठबंधन रहा. उन्होंने 2009 तक तीन लोकसभा चुनाव और दो विधानसभा चुनाव एक साथ लड़े. ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने हैं.

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