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तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों से पहले हैडली से की थी 231 बार बातचीत, डोजियर में हुए कई बड़े खुलासे

दस्तावेज में यह भी दावा किया गया है कि राणा ने हैडली की भारत यात्राओं को आसान बनाने में मदद की थी. राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो के ओ'हारे एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्हें लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने आरोप में पकड़ा गया था.

तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों से पहले हैडली से की थी 231 बार बातचीत, डोजियर में हुए कई बड़े खुलासे
नई दिल्ली:

2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की साजिश से जुड़े एक चौंकाने वाले खुलासे फिर से सुर्खियां बटोरी हैं. एक डोजियर से हुए खुलासे के अनुसार, पाकिस्तानी-कनाडाई मूल के पूर्व सैन्य डॉक्टर और आतंकवादी साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने हमलों की योजना बनाने वाले प्रमुख व्यक्ति डेविड कोलमैन हैडली से भारत में अपनी गुप्तचर मिशनों के दौरान 231 बार संपर्क किया था. गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले, जिसमें ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसे जगहों को निशाना बनाया गया था में 166 लोगों की मौत हो गई थी. 

दस्तावेज में यह भी दावा किया गया है कि राणा ने हैडली की भारत यात्राओं को आसान बनाने में मदद की थी. राणा को अक्टूबर 2009 में शिकागो के ओ'हारे एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, जहां उन्हें लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने आरोप में पकड़ा गया था.

डोजियर में खुलासा हुआ है कि राणा ने हमलों से पहले अपनी आखिरी भारत यात्रा के दौरान हैडली से 66 कॉल किए थे. हैडली, जिन्हें 2009 में गिरफ्तार किया गया और बाद में अमेरिका के लिए मुख्य गवाह बने, ने राणा के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए थे. दोनों के बीच कॉल और मैसेजों का आदान-प्रदान 231 बार हुआ था.  

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारत ने 2020 में राणा के प्रत्यर्पण की मांग फिर से उठाई थी. जिसके बाद फरवरी 2019 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण संधि को मंजूरी दी थी. भारतीय सरकार ने राणा को मुंबई हमलों में उनकी कथित भूमिका के लिए मुकदमा चलाने की मांग की थी. जिसमें 2008 के आपराधिक साजिश, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या और हत्या का प्रयास जैसे आरोप शामिल थे. हालांकि, अमेरिकी अदालतों ने अब तक भारत की मांगों को खारिज कर दिया है, जिसमें 2011 में नौवें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने आरोपों को खारिज कर दिया. अमेरिका ने तर्क दिया कि राणा पहले ही अमेरिका में संबंधित आरोपों के लिए मुकदमा झेल चुके हैं, जिससे भारत की कोशिशों में जटिलता आई है.

ये भी पढ़ें-: भारतीय अदालत के सामने मुंबई हमलों में तहव्वुर की भूमिका कैसे हुई उजागर?

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