सुषमा स्वराज ने तुरंत बुजुर्ग दंपति की मदद की... (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुषमा स्वराज एक ऐसी विदेशमंत्री हैं, जो हमेशा जरूरतमंद लोगों को मदद करने के लिए आगे आती हैं. यही वजह है कि सुषमा स्वराज के ट्विटर पेज पर मदद की गुहार ही दिखाई देती है. एक बुजुर्ग महिला ने अपनी दो विकलांग बेटियों के पासपोर्ट के लिए सुषमा स्वराज से मदद मांगी. इस अर्जी को करीब 47000 लोगों ने साइन किया है. दरअसल, बात यह है कि आंध्र प्रदेश के रहने वाली सुब्बालक्ष्मी ने सुषमा स्वराज को दी अर्जी में लिखा कि वह 40 साल से अपनी विकलांग बेटियों की ख्याल रख रही हैं लेकिन अब वह खुद 70 साल की हो गई हैं और उनके पति 75 साल के. अब पता नहीं है कि और कितने साल तक वे अपनी बेटियों का ख्याल रख पाएंगे. सुब्बालक्ष्मी ने चिट्ठी के जरिए बताया कि उनकी छोटी बेटी 90 प्रतिशत विकलांग है और चल नहीं सकती जबकि बड़ी बेटी 72 प्रतिशत विकलांग है, जो चलते-चलते गिर जाती है और हमेशा उसे मदद की जरूरत रहती है.
सुब्बालक्ष्मी ने लिखा कि उनके दोनों बेटे अमेरिका में रहते हैं और अपनी बहन की देखभाल करना चाहते हैं, लेकिन विकलांग होने की वजह से उनकी दोनों बेटियां अभी तक पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाई हैं क्योंकि पासपोर्ट का ऑफ़िस उनके घर से 110 किलोमीटर दूर है और पासपोर्ट के आवेदन के लिए उनकी बेटियों को शारीरिक रूप में मौजूद रहना जरूरी है. दोनों के लिए बस और ट्रेन में सफर करना बहुत कठिन है और खुद वह और उनके पति बुजुर्ग होने की वजह से अपनी बेटियों की मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में वह श्रीमती सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को विनम्र अपील कर रहे कि पासपोर्ट सेवा केंद्र में उनकी बेटियों की शारीरिक उपस्थिति के बिना पासपोर्ट प्राप्त करने में मदद की जाए.
इस अर्जी को देखने के बाद सुषमा स्वराज ने तुरंत मदद करने की भरोसा दिया. सबसे पहले 23 जनवरी को ट्वीट करते हुए सुषमा स्वराज ने लिखा कि “मैंने आपकी अर्जी पर गौर किया है और हम ज़रूर आपकी मदद करेंगे. मुझे आप पता और फ़ोन नंबर दीजिए. फिर 24 तारीख को सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए लिखा “ आपकी बेटियों की कहीं जाने के लिए जरूरत नहीं है, आज आपके घर पासपोर्ट पहुंच जाएगा.”
सुब्बालक्ष्मी ने लिखा कि उनके दोनों बेटे अमेरिका में रहते हैं और अपनी बहन की देखभाल करना चाहते हैं, लेकिन विकलांग होने की वजह से उनकी दोनों बेटियां अभी तक पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं कर पाई हैं क्योंकि पासपोर्ट का ऑफ़िस उनके घर से 110 किलोमीटर दूर है और पासपोर्ट के आवेदन के लिए उनकी बेटियों को शारीरिक रूप में मौजूद रहना जरूरी है. दोनों के लिए बस और ट्रेन में सफर करना बहुत कठिन है और खुद वह और उनके पति बुजुर्ग होने की वजह से अपनी बेटियों की मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में वह श्रीमती सुषमा स्वराज और विदेश मंत्रालय को विनम्र अपील कर रहे कि पासपोर्ट सेवा केंद्र में उनकी बेटियों की शारीरिक उपस्थिति के बिना पासपोर्ट प्राप्त करने में मदद की जाए.
इस अर्जी को देखने के बाद सुषमा स्वराज ने तुरंत मदद करने की भरोसा दिया. सबसे पहले 23 जनवरी को ट्वीट करते हुए सुषमा स्वराज ने लिखा कि “मैंने आपकी अर्जी पर गौर किया है और हम ज़रूर आपकी मदद करेंगे. मुझे आप पता और फ़ोन नंबर दीजिए. फिर 24 तारीख को सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए लिखा “ आपकी बेटियों की कहीं जाने के लिए जरूरत नहीं है, आज आपके घर पासपोर्ट पहुंच जाएगा.”
I have gone through your Petition. We will definitely help you. Please give me your address and Phone nos. @CPVIndia https://t.co/5qI4f0eW1n
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) January 23, 2017
सुषमा स्वराज से मदद मिलने के बाद बुजुर्ग दंपति ने खुशी जाहिर की और सुषमा स्वराज को धन्यवाद देते हुए लिखा कि “हम बहुत खुश हैं कि सुषमा स्वराज मदद की. पासपोर्ट अधिकारी हमसे संपर्क कर चुके हैं और डिटेल भी ले चुके हैं. यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी राहत है.Your daughters do not have to go anywhere. The Passports will reach your house today. https://t.co/5qI4f0wwSV
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) January 24, 2017
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