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This Article is From Mar 09, 2017

ओडिशा में महिला नक्सली का समर्पण, कहा- शिविरों में होता है शारीरिक और मानसिक शोषण

ओडिशा में महिला नक्सली का समर्पण, कहा- शिविरों में होता है शारीरिक और मानसिक शोषण
प्रतीकात्मक फोटो
भुवनेश्वर: ओडिशा के रायगढ़ जिले में बुधवार को एक महिला नक्सली ने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया और आरोप लगाया कि नक्सलियों के शिविरों में महिला नक्सलियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है. नियामगिरि दलाम डिवीजन की 25 वर्षीय महिला नक्सली रीना मल्लिक साल 2008 से लेकर 2010 तक कुख्यात नक्सली सब्यसाची पांडा के साथ काम कर चुकी है. वह साल 2009 से लेकर 2016 तक पांच नक्सली वारदातों में संदिग्ध है. अब वह पांडा पुलिस की गिरफ्त में है.

रीना ने कहा, "मैं साल 2008 में नक्सली समूह में शामिल हुई और साल 2011 में नक्सली नेता विकास से शादी कर ली. जब मैं गर्भवती हुई, तो मैंने हथियार छोड़ने का फैसला किया, लेकिन मुझे गर्भपात कराने को कहा गया."

रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक के. शिव सुब्रमणि ने कहा कि यह घटना नक्सलियों के शिविरों में लैंगिक भेदभाव को दर्शाता है और महिला नक्सलियों को शिविरों में मूलत: पहरेदार की ड्यूटी दी जाती है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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