
प्रतीकात्मक तस्वीर
- सुप्रीम कोर्ट बिहार सरकार और चंदा बाबू की याचिका पर सुनवाई करेगा
- बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार को डपट लगाई थी
- कोर्ट ने ये भी कहा आप इस मामले को लेकर गंभीर नहीं थे
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सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा आप इस मामले को लेकर गंभीर नहीं थे. जब शहाबुद्दीन की तरफ से कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई तो क्या आपका ये फ़र्ज नहीं बनाता था कि आप हाई कोर्ट को बताये की निचली अदालत में मामले की स्थिति क्या है जबकि आप जानते थे कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि मामले का निपटारा 9 महीने की भीतर किया जाये.
कोर्ट ने कहा एक साधारण आदमी भी यही जानना चाहता है कि शहाबुद्दीन जो 4 बार सांसद दो बार विधायक रहा है उसके खिलाफ अगर इतने मामले लंबित है तो उसमें सरकार ने क्या कदम उठाये हैं. जिन मामलों में शहाबुद्दीन को जमानत दी गई है उसको चुनौती देने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाये, ये सवाल जनता के मन भी होंगें.
जिस पर बिहार सरकार ने कहा, इनके खिलाफ कई मामले हैं और लोग डर से इनके खिलाफ गवाही नहीं देना चाहते.
तब कोर्ट ने कहा शहाबुद्दीन के खिलाफ इतने मामले में और सभी में जमानत मिली लेकिन आपने चुनौती नहीं दी. ये ऐसे है कि किसी के खिलाफ 10 आपराधिक मुक़दमे हैं, एक में उसको जमानत मिलती है लेकिन आप उसका विरोध नहीं करते लेकिन जब 10 वें मामले में जमानत मिलती है तो आप नींद से जागकर उसे चुनौती देते हैं.
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