नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के सोलापुर में 6x9 फुट की एक छोटी सी दुकान के विवाद में तीन बुजुर्ग भाई-बहनों को जेल की हवा खानी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने किराये की दुकान खाली न करने पर 70 साल के शंकर बालासाहेब कोकाटे, उनके 62 साल के छोटे भाई सतीश कोकाटे और 52 साल की छोटी बहन अलका मोहन राव मोरे को 6 मई तक जेल भेज दिया है।
किराये की दुकान का विवाद
दरअसल तीनों बुजुर्गों के पिता ने 1932 में बामन दत्तात्रेय सोलाके से दुकान किराये पर ली थी, जिसे बाद में रफीक नाम के शख्स ने खरीद लिया था। रफीक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर, 2015 तक दुकान खाली करने को कहा था, जिस पर पुनर्विचार के लिए शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली हुई है। लेकिन इस याचिका से पहले ही दुकान के मौजूदा मालिक रफीक ने कोर्ट की अवमानना का मामला दायर कर दिया।
हाईकोर्ट में मुकदमा जीत गए थे तीनों
सोमवार को जब सुनवाई हुई तो जस्टिस जेएस खेहर की बेंच इस बात से बेहद खफा हो गई की अब तक दुकान खाली क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने कोर्ट में मौजूद तीनो भाई-बहन को हिरासत में लेने का निर्देश दे दिया। खास बात ये है कि हाईकोर्ट से तीनों बुजुर्ग मुकदमा जीत गए ,थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हार गए, जिसके बाद अब ये कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई हुई है।
किराये की दुकान का विवाद
दरअसल तीनों बुजुर्गों के पिता ने 1932 में बामन दत्तात्रेय सोलाके से दुकान किराये पर ली थी, जिसे बाद में रफीक नाम के शख्स ने खरीद लिया था। रफीक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर, 2015 तक दुकान खाली करने को कहा था, जिस पर पुनर्विचार के लिए शंकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली हुई है। लेकिन इस याचिका से पहले ही दुकान के मौजूदा मालिक रफीक ने कोर्ट की अवमानना का मामला दायर कर दिया।
हाईकोर्ट में मुकदमा जीत गए थे तीनों
सोमवार को जब सुनवाई हुई तो जस्टिस जेएस खेहर की बेंच इस बात से बेहद खफा हो गई की अब तक दुकान खाली क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने कोर्ट में मौजूद तीनो भाई-बहन को हिरासत में लेने का निर्देश दे दिया। खास बात ये है कि हाईकोर्ट से तीनों बुजुर्ग मुकदमा जीत गए ,थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हार गए, जिसके बाद अब ये कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई हुई है।
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