जनहित याचिका वैधानिक बलात्कार कानूनों की वैधता को चुनौती देती है.
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें सहमति से यौन संबंध बनाने पर 16 से 18 साल के किशोरों के खिलाफ अक्सर लगाए जाने वाले वैधानिक बलात्कार पर कानून को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का निर्देश देने की मांग की गई है. मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वकील हर्ष विभोर सिंघल द्वारा उनकी व्यक्तिगत क्षमता में दायर जनहित याचिका पर ध्यान दिया.