सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) के बैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में जाने देने की बात कही है. आज कोर्ट ने झारखंड सरकार को यह सुझाव दिया कि उसे इस बारे में व्यवस्था बनानी चाहिए. श्रद्धालुओं को ई-टोकन जारी करना भी एक तरीका हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि आने वाली पूर्णमासी और भादो महीने में नई व्यवस्था लागू करने की कोशिश की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में ई-दर्शन, दर्शन करना नहीं होता है. कोरोना संकट काल में सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम टिप्पणी झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए केवल ई-दर्शन के ज़रिए दर्शन करने की इजाज़त होने पर की.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि कोरोना संकट काल में भीड़ न लगे, इसके लिए भक्तों को मंदिर में सीमित संख्या में दर्शन करने की व्यवस्था क्यों नहीं करते. इस मामले में भाजपा सांसद निशीकांत दुबे ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें हाईकोर्ट ने इस मंदिर में लोगों को ई-दर्शन की ही इजाज़त दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा कि "पूरा देश खुल रहा है केवल मंदिर, मस्जिद, चर्च और दूसरे धार्मिक स्थल क्यों बंद हैं? महत्वपूर्ण दिनों में उन्हें खुलना चाहिए.
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झारखंड की तरफ से वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं इसलिए राज्य सरकार ने ये आदेश दिया है कि सभी धार्मिल स्थल फिलहाल बंद रखे जाएं. आने वाले समय में हो सकता है राज्य में पूरी तरह से लॉकडाउन लगा दिया जाए.
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