लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान रद्द उडानों के टिकट के पैसे यात्रियों को रिफंड (Airline Refund) करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- हम सिर्फ यात्रियों को लेकर चिंतित हैं. अगर किसी ट्रैवल एजेंट ने एयरलाइंस के पास एडवांस में पैसे जमा करवाए हों, तो उस पर हमें कुछ नहीं कहना, टिकट की "थोक खरीद" नहीं की जा सकती है, यह एयरलाइनों और ट्रैवल एजेंट के बीच एक अनुबंध हैं. DGCA का इस से लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि क्रेडिट शेल स्कीम का लाभ ट्रैवेल एजेंट को नहीं मिल सकता है, हम ट्रैवल एजेंटों की निगरानी नहीं करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपके हलफनामे में कहा गया है कि यात्री क्रेडिट वाउचर किसी और को ट्रांसफर भी कर सकता है, ऐसे में एजेंट यात्री से क्रेडिट वाउचर लेकर अपने पैसों की वसूली कर सकते हैं, यह समाधान सही लगता है. जस्टिस एम आर शाह ने पूछा कि अगर ट्रैवल एजेंट्स को पैसा वापस किया जाता है तो यात्री को वह कब वापस मिलेगा?
ट्रैवल एजेंट फेडरेशन के वकील ने कहा कि CAR ट्रैवल एजेंटों को रेगुलेट करती है. मुझे कोई दिक्कत नहीं है अगर ट्रैवल एजेंटों के खाते में जमा राशि आती है और वह ट्रांसफर किए जा सकते हैं.
गो एयर के वकील ने कहा कि हमारी माली हालत सही नहीं है, हम भी रिफण्ड करना चाहते हैं, ईंधन की कीमतें 78% बढ़ गई हैं. RBI से हमको कोई राहत नही मिली है, हम अनिवार्य सेवा नहीं कर रहे हैं, हम 6 महीने में भुगतान नहीं कर सकते हैं. क्रेडिट शेल की अवधि 31 मार्च तक रखना अव्यवहारिक है. 30 सितंबर 2021 तक का समय मिले. तब तक अगर यात्री टिकट के बदले टिकट नहीं लेता तो हम पैसे लौटा देंगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आपकी कंपनी की दिक्कत है इसके लिए यात्री क्यों सफर करें.
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