अगस्ता वेस्टलैंड मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया कि मिशेल का मामला अंतरिम राहत देने के मापदंड में नहीं हैं. मिशेल ने अपने आवेदन में कहा था कि उनकी उम्र 59 वर्ष है और उनका स्वास्थ्य खराब है, जो उन्हें कोरोनोवायरस का आसान शिकार बना सकता है.
उनके आवेदन में एक SC आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उच्च स्तरीय समितियों का गठन करने और कैदियों को निर्धारित करने के लिए कहा गया था, जो कि COVID-19 के मद्देनज़र जेलों में भीड़भाड़ से बचने के लिए पैरोल पर रिहा किए जा सकते हैं. याचिका में मिशेल ने कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे को जमानत का आधार बनाया था.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. क्रिश्चियन मिशेल ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 के चलते उसे जमानत दी जानी चाहिए. हाईकोर्ट से पहले सुप्रीम कोर्ट ने मिशेल की याचिका पर सुनवाई के बाद आरोपी को दिल्ली हाईकोर्ट जाने को कहा था. मिशेल ने अपनी याचिका में कहा है कि उसका स्वास्थ्य पहले से ही खराब है ऐसे में उसे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है किसी दूसरे कैदी के मुकाबले. लिहाज़ा उसे जमानत दी जाए.
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