नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु (वॉलिटरी पैसिव यूथेनेशिया) के एक मामले में दायर याचिका को संविधान पीठ को स्थानांतरित कर दिया है। यह याचिका मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुकीं एक मरीज की तरफ से दायर किया गया है, जिनकी चिकित्सीय रूप से ठीक होने की संभावना क्षीण है।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी सतशिवम की पीठ ने मामले को स्थानांतरित करते हुए कहा कि अरुण शानबाग के इच्छामृत्यु मामले में न्यायालय द्वारा पूर्व में सुनाया गया फैसला एक निश्चित प्रक्रिया पर आधारित था, जो स्पष्ट नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह किसी तरह के निर्देश नहीं दे रहे और मामले के हर आयाम की सुविस्तृत तरीके से जांच के लिए इसे संविधान पीठ को स्थानांतरित कर रहे हैं।
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