सुपरस्टार रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने एक विज्ञापन एजेंसी को 6.2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आश्वसन देने के बावजूद उस पर अमल नहीं करने के कारण मंगलवार को सुपरस्टार रजनीकांत की पत्नी लता रंजनीकांत को आड़े हाथ लिया. इस विज्ञापन एजेंसी ने उस कंपनी को धन दिया था जिसमें 2014 की फिल्म ‘कोचादाइयान’ के निर्माण के बाद की अवधि में वह एक निदेशक थीं. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर भानुमति की पीठ ने टिप्पण की, ‘‘हम उन लोगों को पसंद नहीं करते जो न्यायालय के आदेश के साथ खिलवाड़ करते हैं.’’
सुप्रीम कोर्ट ने रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को ट्रायल का सामना करने के आदेश दिए. उनपर धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और ठगी का ट्रायल चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के FIR रद्द करने के फैसले को पलटते हुए कहा कि हाईकोर्ट को शुरुआती दौर में ही ये कहकर केस को रद्द नहीं करना चाहिए था कि ये मामला ठगी या धोखाधड़ी का नहीं है बल्कि एग्रीमेंट में ब्रीच का है. अब FIR पर फिर से जांच होगी और चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म स्टार रजनीकांत की पत्नी को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी या तो एड ब्यूरो कंपनी को लोन के 6.2 करोड़ रुपये चुकाएं या फिर ट्रायल फेस करने को तैयार रहें. कोर्ट ने कहा था कि 10 जुलाई को बताएं कि पैसे चुकाए या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि जब आदेश दिए गए तो लोन की रकम क्यों नहीं चुकाई गई. 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को 6.2 करोड़ रुपये 12 हफ्ते में एड फैक्टर नाम की कंपनी को देने कहा था.
फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर तमिल मेगास्टार रजनीकांत की पत्नी की कंपनी वन ग्लोबल इंटरटेंमेंट पैसे अदा नही करती तो रजनीकांत की पत्नी लता को ये पैसे देने होंगे. दरअसल याचिका मे कहा गया है लता ने ‘कोचादाइयान’ फिल्म के टेलीकास्ट राइट के मामले में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था. इस मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए. कंपनी ने याचिका में ये भी कहा है कि लता ने दस करोड़ रुपये ले लिए और फिल्म का राइट किसी दूसरी कंपनी को बेच दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को ट्रायल का सामना करने के आदेश दिए. उनपर धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और ठगी का ट्रायल चलेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के FIR रद्द करने के फैसले को पलटते हुए कहा कि हाईकोर्ट को शुरुआती दौर में ही ये कहकर केस को रद्द नहीं करना चाहिए था कि ये मामला ठगी या धोखाधड़ी का नहीं है बल्कि एग्रीमेंट में ब्रीच का है. अब FIR पर फिर से जांच होगी और चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म स्टार रजनीकांत की पत्नी को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी या तो एड ब्यूरो कंपनी को लोन के 6.2 करोड़ रुपये चुकाएं या फिर ट्रायल फेस करने को तैयार रहें. कोर्ट ने कहा था कि 10 जुलाई को बताएं कि पैसे चुकाए या नहीं. कोर्ट ने कहा था कि जब आदेश दिए गए तो लोन की रकम क्यों नहीं चुकाई गई. 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एक्टर रजनीकांत की पत्नी लता रजनीकांत को 6.2 करोड़ रुपये 12 हफ्ते में एड फैक्टर नाम की कंपनी को देने कहा था.
फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर तमिल मेगास्टार रजनीकांत की पत्नी की कंपनी वन ग्लोबल इंटरटेंमेंट पैसे अदा नही करती तो रजनीकांत की पत्नी लता को ये पैसे देने होंगे. दरअसल याचिका मे कहा गया है लता ने ‘कोचादाइयान’ फिल्म के टेलीकास्ट राइट के मामले में फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था. इस मामले में उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए. कंपनी ने याचिका में ये भी कहा है कि लता ने दस करोड़ रुपये ले लिए और फिल्म का राइट किसी दूसरी कंपनी को बेच दिया.
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