महिला सशक्तिकरण की दिशा में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक और बड़ा कदम उठाया है. 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (Supreme Court Bar Association) के चुनावों से ठीक पहले SC का फैसला आया है. जिसमें SCBA में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया है. इस बार के चुनाव में कोषाध्यक्ष पद को महिला के लिए आरक्षित करने के भी आदेश है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने बी डी कौशिक के मामले में कोर्ट के पुराने फैसले को स्पष्ट करते हुए ये निर्देश दिए हैं. पीठ के निर्देश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा एसोसिएशन की कार्यसमिति के 9 में से 3 सदस्यों के पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे. इस आदेश का परिपालन पहली बार 16 मई को होने वाले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में होगा.
कोर्ट ने कहा कि उम्मीदवारों की योग्यता और शर्तों में आवश्यक बदलाव व सुधार की बाबत आठ प्रस्ताव आए लेकिन वो नाकाम हो गए. इनके अलावा एसोसिएशन का सदस्य बनने के लिए फीस और चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार की जमानत राशि को लेकर भी लाए गए प्रस्ताव 30 अप्रैल को आयोजित स्पेशल जनरल बॉडी मीटिंग में गिर गए. ऐसे में कोर्ट ने महसूस किया कि नियम, योग्यता, शर्तों और फीस को लेकर निर्णय लेने को जरूरत है. क्योंकि इन चीजों को दशकों तक लटकाए नहीं रखा जा सकता, समय रहते सुधार और बदलाव जरूरी हैं।.
कोर्ट ने कहा कि SCBA इस बाबत अपनी वेबसाइट या अन्य तरीकों से सदस्यों से 19 जुलाई तक सुझाव आमंत्रित करे और सदस्य वकीलों से मिलने वाले ये सुझाव SCBA डिजिटल या प्रिंटेड फॉर्मेट में संकलित कर कोर्ट को दें और इन सुझावों को लागू करे. यानी उन सुझावों के आधार पर अभी सुधारों और बदलाव का सिलसिला अभी जारी रहेगा.
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