सुप्रीम कोर्ट ने शैक्षणिक केंद्रों और अस्पतालों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामलों में ‘‘खतरनाक वृद्धि'' पर गौर करते हुए निर्देश दिया कि ऐसे कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में भेजा जाना चाहिए. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की विशेष पीठ ने आवारा कुत्तों के मामले में कई निर्देश पारित किए. उसने प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों और अन्य आवारा पशुओं को हटाना एवं उनका निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में स्थानांतरण सुनिश्चित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 10 बड़ी बातें
1. सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में स्कूल, अस्पताल, बस अड्डे, रेलवे स्टेशन और स्टेडियम को कुत्तों से मुक्त करने का आदेश दिया.
2. सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश 8 हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करें, अदालत ने कहा, देरी बर्दाश्त नहीं.
3. अदालत ने साफ किया, पकड़े गए कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा जहां से पकड़ा गया.
4. हर संस्थान में एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा, जो परिसर की सफाई और सुरक्षा का जिम्मेदार होगा.
5. सभी अस्पतालों में एंटी रैबीज वैक्सीन और इम्युनोग्लोब्युलिन हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए.
6. स्कूलों में छात्रों को जानवरों से बचाव और फर्स्ट एड की ट्रेनिंग देने का निर्देश.
7. अदालत ने कहा, सभी संस्थानों को दीवार और गेट से घेरा जाए, ताकि कुत्ते अंदर न घुस सकें.
8. सुप्रीम कोर्ट ने हाईवे और सड़कों से गाय-बैल व अन्य जानवरों को हटाने का भी आदेश दिया.
9. हर हाइवे पर हेल्पलाइन नंबर और निगरानी टीमें 24 घंटे तैनात करने का निर्देश.
10. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी,आदेश न मानने पर अवमानना कार्रवाई होगी, अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को.
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