सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को आखिरी चेतावनी दी कि अगर 15 जून पैसा नहीं आया तो कोर्ट से ही सीधे तिहाड़ जेल भेज देंगे और एंबी वैली को भी नीलाम कर देंगे. सहारा ने 1500 और 550 करोड़ के दो पोस्ट डेटेड चेक दाखिल किए हैं. वैसे, सहारा प्रमुख सुब्रत राय को फिलहाल राहत है. फिलहाल एंबी वाली की नीलामी भी नहीं होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को नीलामी के लिए पब्लिक नोटिफिकेशन की तैयारी करने को कहा है और 19 जून को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने कोर्ट में मौजूद सहारा प्रमुख से पूछा कि क्या वे पैसा लौटाने को प्रतिबद्ध हैं? सहारा प्रमुख ने कहा कि वो पैसा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन कोर्ट ने कहा कि कई बार आपके कमिटमेंट मिराज की तरह लगते हैं, लेकिन बाद में वे पानी की फुहार निकलते हैं.
सेबी ने कोर्ट को बताया कि सहारा को करीब 25 हजार करोड़ रुपये देने थे, जिसमें से वह 12 हजार करोड़ रुपये जमा करा चुके हैं, जो कि ब्याज समेत 14 हजार करोड़ हो चुके हैं. अब भी 11169 करोड़ रुपये बकाया हैं. सहारा की ओर से कहा गया कि वह पैसा लौटाना चाहते हैं और एंबी वैली की नीलामी न की जाए क्योंकि उनके लिए यह एकमात्र आय का साधन है. इसका 40.40 फीसदी हिस्सा कॉपरेटिव सोसाइटी के पास है.
उल्लेखनीय है कि सहारा प्रमुख को जेल या बेल सुप्रीम कोर्ट तय करना था. 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए थे. पिछली सुनवाई में यह कहते हुए कि 'अब बहुत हो गया, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की एंबी वैली को नीलाम करने का फैसला किया था. महाराष्ट्र के लोनावाला में करीब 8000 एकड़ क्षेत्र में फैली एंबी वैली की कीमत करीब 39 हजार करोड़ रुपये है. तय समय के भीतर सहारा समूह द्वारा 5012 करोड़ रुपये सेबी के खाते में जमा नहीं कर पाने के कारण अदालत ने यह निर्णय लिया था.
साथ ही सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा को सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था. कोर्ट ने सहारा प्रमुख से कहा था कि हमने आपको पर्याप्त समय दिया. मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आपको पैरोल दिया गया. तबसे आपको अदालत रियायत देती आ रही है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पैरोल को बढ़ाने पर विचार तभी ही किया जाएगा जब अगली तारीख से पहले मुनासिब रकम जमा हो. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र की एंबी वैली सिटी नीलाम होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को संपत्ति के आकलन और नीलामी की प्रक्रिया को शुरू करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख को संपत्ति का ब्यौरा 48 घंटे में बॉम्बे हाईकोर्ट के आफिसर लिक्विडेटर को सौंपने को कहा था. बॉम्बे हाईकोर्ट का आफिसर लिक्विडेटर सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगा.
सेबी ने कोर्ट को बताया कि सहारा को करीब 25 हजार करोड़ रुपये देने थे, जिसमें से वह 12 हजार करोड़ रुपये जमा करा चुके हैं, जो कि ब्याज समेत 14 हजार करोड़ हो चुके हैं. अब भी 11169 करोड़ रुपये बकाया हैं. सहारा की ओर से कहा गया कि वह पैसा लौटाना चाहते हैं और एंबी वैली की नीलामी न की जाए क्योंकि उनके लिए यह एकमात्र आय का साधन है. इसका 40.40 फीसदी हिस्सा कॉपरेटिव सोसाइटी के पास है.
उल्लेखनीय है कि सहारा प्रमुख को जेल या बेल सुप्रीम कोर्ट तय करना था. 17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होने के आदेश जारी किए थे. पिछली सुनवाई में यह कहते हुए कि 'अब बहुत हो गया, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की एंबी वैली को नीलाम करने का फैसला किया था. महाराष्ट्र के लोनावाला में करीब 8000 एकड़ क्षेत्र में फैली एंबी वैली की कीमत करीब 39 हजार करोड़ रुपये है. तय समय के भीतर सहारा समूह द्वारा 5012 करोड़ रुपये सेबी के खाते में जमा नहीं कर पाने के कारण अदालत ने यह निर्णय लिया था.
साथ ही सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा को सुनवाई की अगली तारीख 27 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था. कोर्ट ने सहारा प्रमुख से कहा था कि हमने आपको पर्याप्त समय दिया. मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आपको पैरोल दिया गया. तबसे आपको अदालत रियायत देती आ रही है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पैरोल को बढ़ाने पर विचार तभी ही किया जाएगा जब अगली तारीख से पहले मुनासिब रकम जमा हो. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र की एंबी वैली सिटी नीलाम होगी. सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को संपत्ति के आकलन और नीलामी की प्रक्रिया को शुरू करने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख को संपत्ति का ब्यौरा 48 घंटे में बॉम्बे हाईकोर्ट के आफिसर लिक्विडेटर को सौंपने को कहा था. बॉम्बे हाईकोर्ट का आफिसर लिक्विडेटर सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करेगा.
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