फाइल फोटो
नई दिल्ली:
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उस घटना पर चिंता व्यक्त की है, जहां शनिवार को बिहार के सुपौल जिले के पास के गांव के युवाओं का विरोध करते हुए 34 नाबालिग लड़कियों को कथित रूप से पीटा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाचार पत्रों कि ये सभी रिपोर्ट अच्छी नहीं है. लड़कियों का कंकाल पाया जाता है और 34 लड़कियों को पीटा गया क्योंकि वे खुद को छेड़छाड़ से बचाना चाहती थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इस तरह से बच्चों से व्यवहार कैसे कर सकते हैं? ये आजकल रोजाना उत्पन्न होने वाली समस्याएं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पीड़ितों के साथ-साथ किशोर आरोपियों के उचित मनोवैज्ञानिक पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित करने का सुझाव दिया.
कोर्ट ने एनसीपीसीआर से कहा कि बच्चों को उत्पीड़न से बचाने और इस बाबत समुचित उपाय करने के लिए अंतरिम एडवाइजरी तैयार करें. एडवाजरी के लिए होने वाली स्टडी का वेरिफिकेशन / examine प्रोफेशनल्स की टीम करे. टीम में सजा, रिहैबिलिटेशन, मेंटेनेंस, काउंसिलिंग और कौन्सिलर्स की ट्रेनिंग के विशेषज्ञ हों.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप इस तरह से बच्चों से व्यवहार कैसे कर सकते हैं? ये आजकल रोजाना उत्पन्न होने वाली समस्याएं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पीड़ितों के साथ-साथ किशोर आरोपियों के उचित मनोवैज्ञानिक पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय संस्थान स्थापित करने का सुझाव दिया.
कोर्ट ने एनसीपीसीआर से कहा कि बच्चों को उत्पीड़न से बचाने और इस बाबत समुचित उपाय करने के लिए अंतरिम एडवाइजरी तैयार करें. एडवाजरी के लिए होने वाली स्टडी का वेरिफिकेशन / examine प्रोफेशनल्स की टीम करे. टीम में सजा, रिहैबिलिटेशन, मेंटेनेंस, काउंसिलिंग और कौन्सिलर्स की ट्रेनिंग के विशेषज्ञ हों.
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