
मध्यप्रदेश के विधायक राजेंद्र भारती पर कथित धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इसकी जांच पर नराजगी जताई है. कोर्ट ने कहा कि आरोपियों और गवाहों को धमकाने के आरोप गंभीर हैं. कोर्ट ने मध्यप्रदेश के अधिकारियों को आरोपियों औऱ गवाहों को धमकी की शिकायतों की फिर से जांच करने के निर्देश भी दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने एक महीने के भीतर ही इसकी रिपोर्ट भी मांगी है. अभ इस मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय ए स ओक की बेंच ने कहा कि हमने हलफनामों को देखा है. जिससे य़ह पता चला कि याचिकाकर्ताओं और गवाहों पर दबाव और धमकी के आरोपों की जांच के लिए राज्य द्वारा नियुक्त अधिकारियों द्वारा उचित जांच नहीं की गई. कोर्ट ने कहा निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करना राज्य का कर्तव्य है और यह नागरिक का अधिकार है. वहीं, भारती की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने विभिन्न गवाहों द्वारा दिए हलफनामों का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें मामलों में फंसाने की धमकी दी थी.
उन्होंने कहा कि राजनीति के तहत उनके खिलाफ झूठा मामला बनाया गया है.ऐसे मे मामले की जांच को राज्य के बाहर ट्रांसफर किया जाए. दरअसल विधायक राजेंद्र भारती ने कथित जिला सहकारी कृषि बैंक घोटाले से जुड़े धोखाधड़ी के आरोप को झूठा बताते हुए मामले में जांच को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की. और आरोप लगाया कि य़ह आरोप राजनीतिक दबाव के कारण लगाए गए है.
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