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रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भीड़-भाड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में भंडारे पर भी आया निर्देश

शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ता ने कहा कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर राष्ट्रीय उद्यान के अंदर लगभग 5 किमी दूर ऐतिहासिक रणथंभौर किले में स्थित है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. बड़ी भीड़ के आने से नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नुकसान पहुंचाते हैं.

रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भीड़-भाड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, त्रिनेत्र गणेश मंदिर में भंडारे पर भी आया निर्देश
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में भीड़-भाड़ पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

नई दिल्ली: सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व के अंदर भीड़-भाड़ और अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. शीर्ष अदालत ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाने के आदेश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, कमेटी में सवाई माधोपुर के जिला कलेक्टर, फील्ड डायरेक्टर और सीईसी सदस्य शामिल हैं. कमेटी टाइगर रिजर्व से जुड़ी समस्याओं के समाधान तक पहुंचेगी. वही, राजस्थान सरकार से 6 हफ्ते में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया गया है.

30 मई को शीर्ष अदालत ने दिया फैसला

दरअसल, चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस एएस चंदुरकर की पीठ ने रणथंभौर टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सुधार के लिए गाइडलाइ मांगने वाली एक याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर अब 30 मई को सुप्रीम कोर्ट से फैसला आया है.

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से रणथम्भौर टाइगर रिजर्व एरिया में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों तक सार्वजनिक पहुंच और वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाने के लिए राजस्थान राज्य और केन्द्र सरकार को गाइडलाइन जारी करने की मांग की थी. 

शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ता ने कहा कि त्रिनेत्र गणेश मंदिर राष्ट्रीय उद्यान के अंदर लगभग 5 किमी दूर ऐतिहासिक रणथंभौर किले में स्थित है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. गणेश धाम से जोगी महल गेट तक जाने वाली सड़क 6 किमी लंबी मंदिर तक पहुंचने का मुख्य मार्ग है. जो टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में स्थित है.

मंदिर में लोग बड़ी संख्या में कार, टैक्सी, मोटरसाइकिल से आते हैं. इसके अलावा पैदल यात्री होते हैं. जिसके चलते भारी भीड़ होती है. इतनी बड़ी भीड़ के आने से नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नुकसान पहुंचाते हैं. 

तीर्थयात्री टाइगर रिजर्व से अवैध रूप से निकाले गए जलाऊ लकड़ी का उपयोग कर भोजन पकाते हैं. बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरे का निपटान करते हैं और वन्यजीवों, विशेष रूप से बाघों और अन्य प्रमुख प्रजातियों के लिए गंभीर मानवजनित गड़बड़ी पैदा करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा 

  • त्रिनेत्र गणेश मंदिर, पांडुपोल हनुमान मंदिर परिसर में भंडारा के लिए खाना बनाने या पकाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का आदेश है
  • सिर्फ टाइगर रिजर्व के बाहर तैयार किए गए प्रसाद को ही मंदिर में लाने की अनुमति रहेगी.
  • मंदिर परिसर में मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित दुकान पर किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने पर रोक लगाने का आदेश है
  • इन सिफारिश को लेकर रणथंभौर व सरिस्का के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो इन चिंताओं पर विचार कर चरणबद्ध तरीके से समाधान ढूंढ सके. यह समिति ट्रस्ट के प्रतिनिधियों की भी सुनवाई करेगी. 

6 सप्ताह में सरकार से मांगा हलफनामा 

शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि रणथंभौर टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिए खनन पर प्रतिबंध बिना किसी हस्तक्षेप के पूरी ईमानदारी से लागू किया जाए. राज्य सरकार को 30 मई 2025 से छह सप्ताह के अंदर सुप्रीम कोर्ट को यह बताना है कि उसने रणथंभौर टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में खनन पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाए हैं.

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