सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आम आदमी को समझ में आ सकने वाली अंग्रेजी (English) में कानून बनाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र से जवाब मांगा है. याचिका में सरल अंग्रेजी भाषा में कानून तैयार करने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों का मसौदा तैयार करने में साधारण अंग्रेजी का उपयोग करने की याचिका पर केंद्र सरकार का पक्ष जानने के लिए उसे नोटिस जारी किया है. याचिकाकर्ता डॉ सुभाष विजयरन ने कहा कि अंग्रेजी को साधारण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए ताकि आम लोग समझ सकें. सुप्रीम कोर्ट की CJI की अगुवाई वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की. डॉ. विजयरन ने कहा कि यह याचिका कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोब्डे ने कहा कि सामान्य अंग्रेजी लेखन पर ब्रायन गार्नर जैसे लेखकों की किताबें भी हैं.उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा, एक और तर्क जो आपको करना चाहिए वह यह है कि यदि अंग्रेजी को सरलता के साथ नहीं बोला जाता है तो लोग इसका उपयोग करने से दूर हो जाएंगे.
याचिका में सरकारी नियम, अधिसूचना सरल भाषा में उपलब्ध करवाने की मांग रखी गई है. कानून की पढ़ाई ( LLB) की पढ़ाई में सरल तरीके से लिखने की जानकारी देने पर भी जोर दिया गया है. वकीलों के जिरह की समय सीमा तय करने जैसी मांग भी की गई है. याचिका सभी सरकारी संचार का मसौदा तैयार करने और जारी करने में और सामान्य जनहित के कानूनों की हैंडबुक जारी करने के लिए सामान्य अंग्रेजी का इस्तेमाल करने की मांग करती है जो आम लोगों को आसानी से समझ में
आती है.
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