शादी से जुड़े विवाद में पति-पत्नी के बीच गुजारे भत्ते के निर्धारण (interim maintenance allowance in marital disputes) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नई गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन के बाद गुजारा भत्ता तय करने के नियम बदल जाएंगे. अब गुजारे भत्ते की रकम तय करने के लिए दोनों पक्षकारों को कोर्ट में कई चीजों का विवरण देना होगा, जिसके बाद ही आय, आय स्रोत वगैरह को देखते हुए यह तय किया जाएगा कि विवाद के सुलह में कितना गुजारा भत्ता दिया जाना है.
जानकारी के अनुसार, वैवाहिक विवादों में पीड़िता के मेंटेनेंस की रकम के भुगतान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत गाइडलाइन जारी की है. अब विवाद के अदालत में जाने के बाद ही दोनों पक्षकारों को अपनी आमदनी के स्रोत और पूरा ब्योरा देना होगा. इसके बाद ही गुजारा भत्ता की रकम तय की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी ताकीद की है कि सभी हाईकोर्ट इस पर अमल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदु मलहोत्रा और जस्टिस सुभाष रेड्डी की बेंच ने अपने इस अहम फैसले में विस्तार से गाइडलाइन के विभिन्न पहलुओं को बताया है. यानी विवाद की सुनवाई जारी रहने के दौरान अंतरिम गुजारा भत्ता की रकम अवधि और अन्य पहलुओं पर भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है.
वैवाहिक विवादों में अदालत में लंबित मामलों के दौरान अंतरिम गुजारा भत्ते के लिए ये फैसला आया है.
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