सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को राज्य में मार्च निकालने की अनुमति देने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं. मद्रास हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मद्रास हाईकोर्ट के आदेश में गलती निकालना संभव नहीं है. हाईकोर्ट ने न केवल कानून के प्रासंगिक प्रावधानों की सही व्याख्या की बल्कि आवश्यक शर्तें भी लगाईं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जैसा कि RSS की ओर से ये सही दलील थी कि हाईकोर्ट के समक्ष राज्य द्वारा उठाई गई मुख्य आपत्ति यह थी कि किसी अन्य संगठन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश के बाद, कानून और व्यवस्था की समस्याएं कुछ क्षेत्रों में सामने आई. इस कारण ही कई मामले दर्ज किए गए. उन मामलों का विवरण राज्य सरकार के द्वारा चार्ट के जरिये दिया गया है..हम दिए गए चार्ट को उसकी संवेदनशीलता के कारण निकालना नहीं चाहते है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए चार्ट से पता चलता है कि प्रतिवादी संगठन ( RSS) के सदस्य उन कई मामलों में पीड़ित हैं और वो अपराधी नहीं हैं.इसलिए, हाईकोर्ट के आदेश में गलती निकालना संभव नहीं है. इसलिए सभी विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज किए जाने योग्य हैं.
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