एक डॉक्टर की आत्महत्या के मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक प्रकाश जारवाल (Prakash Jarwal) की जमानत (Bail) रद्द करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दखल देने से इनकार कर दिया है. SC ने कहा कि जारवाल पहले से ही जमानत पर है, ऐसे में निचली अदालत जाना ही उचित उपाय है. SC ने जमानत रद्द करने के लिए निचली अदालत जाने के लिए परिवार को आजादी दी. अदालत ने कहा यदि जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन किया जाता है, तो परिवार जमानत रद्द करने की मांग कर सकता है. जारवाल को जमानत देने में दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से की गई किसी भी टिप्पणी से ट्रायल कोर्ट प्रभावित नहीं होगा
सुप्रीम कोर्ट ने मृतक के बेटे की याचिका का निपटारा करते हुए यह व्यवस्था दी. प्रकाश जारवाल को कुछ दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दी थी. विधायक पर राजेंद्र सिंह नाम के 52 वर्षीय डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है जिन्होंने 18 अप्रैल को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.
मृतक डॉक्टर के बेटे ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा था कि उसके पिता ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) को पानी के टैंकरों की सप्लाई की थी और उसमें हुए नुकसान के कारण परेशान थे क्योंकि आरोपी ने पीड़ित से पैसे की मांग की थी, जिसमें विफल रहने पर उसका भुगतान रोक दिया गया था. हालांकि, देवली से 'आप' विधायक ने इन आरोपों से इनकार किया है.
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