जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की हिरासत से संबंधित मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई बंद की. केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि रिहाई के बाद ये याचिका निष्प्रभावी हो गई है. महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) की जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अपनी मां को बंदी बनाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने सुनवाई इस आधार पर बंद की कि महबूबा मुफ्ती को मंगलवार को रिहा कर दिया गया है. इससे पहले, पिछली सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि महबूबा को कब तक हिरासत में रखा जा सकता है? कोर्ट ने जम्मू- कश्मीर प्रशासन से अपने रुख की जानकारी देने के लिए कहा है.
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SC ने पूछा था कि क्या उनकी हिरासत एक साल से आगे बढ़ाई जा सकती है. इसके साथ ही, कोर्ट ने महबूबा की बेटी इल्तिजा की संशोधित याचिका पर केंद्र से एक हफ्ते में जवाब मांगा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिरासत हमेशा के लिए नहीं हो सकती है. अदालत में श्रीनगर के जिला मजिस्ट्रेट ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा था कि याचिकाकर्ता को पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए था.
उन्होंने अपील की कि याचिका खारिज होनी चाहिए क्योंकि उपलब्ध उपाय के रूप में महबूबा अपने प्रतिनिधित्व के साथ सलाहकार बोर्ड से संपर्क कर सकती हैं. महबूबा को सार्वजनिक व्यवस्था के खिलाफ कार्य करने से रोकने के लिए हिरासत में लिया गया. हिरासत के लिए आधार पर्याप्त सामग्री और आधार मौजूद हैं.
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