सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सोमवार को सेक्स वर्करों (Sex Workers) को कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच राहत देने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई है. कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने के बाद केंद्र और राज्यों से कोरोना महामारी के चलते सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए निर्देश लाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सेक्स वर्कर्स महामारी के चलते गंभीर संकट में हैं और इस मामले को जरूरी माना जाना चाहिए.
अदालत ने विशेष रूप से राशन कार्ड पर जोर दिए बिना राशन देने और अन्य बुनियादी जरूरतों को प्रदान करने के संदर्भ में वकीलों को सरकारों से निर्देश लेने को कहा गया है. जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि अधिकारी सेक्स वर्करों को राहत देने के लिए ऐसे कदम उठाने पर विचार कर सकते हैं, जो ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद के लिए उठाए गए हैं. इस मामले में अगले हफ्ते फिर सुनवाई होनी है.
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बता दें कि लॉकडाउन के बीच ट्रांसजेंडर वर्ग ने अपनी मुश्किलें बताते हुए सरकार से भत्ते की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने मई महीने में उन्हें भत्ता देने की घोषणा की थी. सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत ने उस वक्त घोषणा की थी कि मंत्रालय ने प्रत्येक ट्रांसजेंडर को, जिसने मंत्रालय से सहायता मांगी है, 1500 रु.का निर्वाह भत्ता दिया है. देशभर में लगभग 4922 ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लगभग 73 लाख रुपए की राशि प्रत्यक्ष लाभार्थी अंतरण डीबीटी के माध्यम से जारी की गई है.
कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन का असर सेक्स वर्करों पर बुरी तरह पड़ा है. महीनों तक वायरस के संक्रमण से बचाव के चलते लॉकडाउन में उनका काम बंद रहा है और अब भी उनके लिए डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.
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