सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
साल 2006 का राजस्थान का चर्चित दारा सिंह एनकाउंटर मामले में भाजपा के पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उन्हें केस से आरोपमुक्त किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में सभी आरोपी बरी हो चुके हैं और आरोपी आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन को हाईकोर्ट द्वारा ही आरोपमुक्त किया जा चुका है. इसलिए अब राठौड़ के खिलाफ केस नहीं चलेगा. 13 मार्च 2018 को राजस्थान के चर्चित दारा सिंह उर्फ दारिया फर्जी एनकाउंटर केस में निचली अदालत ने अपना फैसला सुनाया था. प्रदेश की राजनीति और पुलिस में भूचाल लाने वाले इस प्रकरण में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश जोशी ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.
रोडरेज मामले में सिद्धू पर आ सकता है उच्चतम न्यायालय का फैसला
दरअसल, एसओजी ने 23 अक्टूबर, 2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर किया था. दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की ओर से इसे फर्जी बताते हुए हत्या करार दिया था. सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. इस पर 23 अप्रैल 2010 को सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 17 लोगों को आरोपी बनाया था. इसके बाद सीबीआई ने जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की. इस मामले में 2011 में आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन और ए.पोनूच्चामी सहित 14 पुलिसवालों को गिरफ्तार किया. सीबीआई ने जांच के बाद भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के कहने पर दारासिंह को फर्जी मुठभेड़ में मरवाने का आरोप लगाया था.
राजेन्द्र की गिरफ्तारी पर बिफरी भाजपा, करेगी प्रदर्शन
अप्रैल 2012 में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन करीब 51 दिन जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया. फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया. जिला कोर्ट की ओर से राजेन्द्र राठौड़ को आरोप मुक्त करने के बाद सीबीआई और सुशीला देवी ने राजस्थान हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ याचिका लगाई. इस याचिका के बाद हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त करने के आदेश को रद्द कर दिया था और ट्रायल कोर्ट को उनके खिलाफ ट्रायल करने को कहा. साथ ही हाईकोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे.
VIDEO: जस्टिस जोसेफ़ पर टिका कॉलेजियम
सरेंडर करने के बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राजेन्द्र राठौड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 2012 से ही हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है और यह अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रही थी.
रोडरेज मामले में सिद्धू पर आ सकता है उच्चतम न्यायालय का फैसला
दरअसल, एसओजी ने 23 अक्टूबर, 2006 को जयपुर में दारासिंह का एनकाउंटर किया था. दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी की ओर से इसे फर्जी बताते हुए हत्या करार दिया था. सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. इस पर 23 अप्रैल 2010 को सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. मामले में मंत्री राजेन्द्र राठौड़, तत्कालीन एडीजी एके जैन सहित 17 लोगों को आरोपी बनाया था. इसके बाद सीबीआई ने जांच के बाद अदालत में चार्जशीट पेश की. इस मामले में 2011 में आईपीएस अधिकारी अरविंद कुमार जैन और ए.पोनूच्चामी सहित 14 पुलिसवालों को गिरफ्तार किया. सीबीआई ने जांच के बाद भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ के कहने पर दारासिंह को फर्जी मुठभेड़ में मरवाने का आरोप लगाया था.
राजेन्द्र की गिरफ्तारी पर बिफरी भाजपा, करेगी प्रदर्शन
अप्रैल 2012 में सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ को भी गिरफ्तार कर लिया. लेकिन करीब 51 दिन जेल में रहने के बाद अदालत ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया. फरवरी 2015 में एडीजी एके जैन को भी हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया. जिला कोर्ट की ओर से राजेन्द्र राठौड़ को आरोप मुक्त करने के बाद सीबीआई और सुशीला देवी ने राजस्थान हाईकोर्ट फैसले के खिलाफ याचिका लगाई. इस याचिका के बाद हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त करने के आदेश को रद्द कर दिया था और ट्रायल कोर्ट को उनके खिलाफ ट्रायल करने को कहा. साथ ही हाईकोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे.
VIDEO: जस्टिस जोसेफ़ पर टिका कॉलेजियम
सरेंडर करने के बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राजेन्द्र राठौड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने 2012 से ही हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा रखी है और यह अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित चल रही थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं