सुनीता विलियम्स के तीसरे अंतरिक्ष मिशन की लॉन्चिंग तकनीकी समस्या की वजह से टली

यह उड़ान यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट से 7 मई यानी आज सुबह 8.04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस कॉम्प्लेक्स -41 से लॉन्च होनी थी.

सुनीता विलियम्स के तीसरे अंतरिक्ष मिशन की लॉन्चिंग तकनीकी समस्या की वजह से टली

सुनीता पहली बार 2006 में और दूसरी 2012 में अंतरिक्ष की उड़ान भर चुकी हैं.

अंतरिक्ष के लिए सुनीता विलियम्स का तीसरा मिशन लॉन्‍च से कुछ घंटे पहले तकनीकी समस्या की वजह से टल गया. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स(Sunita Williams) तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए पूरी तरह से तैयार थी. सुनीता को आज बुच विल्मोर के साथ नए अंतरिक्ष यान बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) से उड़ान भरनी थी. लेकिन लॉन्च से कुछ घंटे पहले किसी तकनीकी समस्या की वजह से मिशन फिलहाल के लिए टल गया.

फिलहाल इस मिशन के लॉन्च के लिए कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है. जानकारी के मुताबिक यह उड़ान यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट से 7 मई यानी आज सुबह 8.04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस कॉम्प्लेक्स -41 से लॉन्च होनी थी. आज सुनीता तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार थीं. पहली बार सुनीता 2006 में और दूसरी 2012 में उड़ान भर चुकी हैं. नासा के अनुसार, "सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं." बोइंग के मुताबिक क्रू स्पेस ट्रांसपोर्टेशन (सीएसटी)-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान को सात यात्रियों के लिए बनाया गया है.

इसमें चालक दल के सदस्य और सामान को भी समायोजित करके ले जाया जा सकता है. इसको बनाने में 10 साल से भी अधिक का समय लगा. नासा का कहना है कि क्रू कैप्सूल के दक्षिण-पश्चिमी अमेरिका में पैराशूट और एयरबैग की मदद से उतरने से पहले अंतरिक्ष यात्री करीब एक हफ्ते प्रयोगशाला में बिताएंगे. आपको बता दें कि नासा (NASA) ने 1988 में सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना था और उनके पास दो अंतरिक्ष अभियानों का अनुभव है. उन्होंने एक्स्पीडिशन 32 की फ्लाइट इंजीनियर और एक्स्पीडिशन 33 की कमांडर के तौर पर सेवा दी थी.

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