नई दिल्ली:
देश की आंतरिक सुरक्षा पर केंद्र सरकार सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेगी। यह चर्चा ऐसे समय होगी जब ओडिशा में नक्सलियों ने हाल ही में महत्वपूर्ण व्यक्तियों को अगवा किया है। बैठक में खुफिया तंत्र एवं आतंकवाद निरोधी क्षमताओं को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
दिनभर चलने वाली इस बैठक का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम बैठक को सम्बोधित करेंगे।
बैठक में जो मुख्यमंत्री शामिल होंगे उनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नाम हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी इस बैठक से दूर रह सकती हैं।
मुख्यमंत्री इस बैठक में राज्य-विशेष के मुद्दों को उठाएंगे। साथ ही वे पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र से और राशि की मांग भी कर सकते हैं।
ओडिशा में नक्सलियों द्वारा गत 20 दिनों से बंधक बनाए गए बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका का मसला उठने के साथ ही इस वाम पंथी चरमपंथ पर नियंत्रण लगाने के तरीकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में पुलिस सुधारों, तटीय सुरक्षा एवं केंद्र-राज्य सम्बंधों पर चर्चा की जाएगी।
ज्ञात हो कि आंतरिक सुरक्षा पर यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के खिलाफ कई राज्य अपना विरोध जता चुके हैं। एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों के साथ अलग से चर्चा करने के लिए सरकार ने पांच मई को बैठक बुलाई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनसीटीसी के मौजूदा प्रारूप का मुखर विरोध करने वालो में शामिल हैं। ममता के अलावा तमिलनाडु, गुजरात और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों ने भी एनसीटीसी का विरोध किया है। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि एनसीटीसी का मौजूदा प्रारूप राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा।
सूत्रों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला राज्य के जमीनी हालात में सुधार के मद्देनजर कुछ इलाकों से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाए जाने की मांग कर सकते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कोलकाता में बताया कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता शामिल नहीं हो सकती हैं लेकिन एनसीटीसी पर पांच मई को होने वाली बैठक में वह मौजूद रहेंगी।
दिनभर चलने वाली इस बैठक का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम बैठक को सम्बोधित करेंगे।
बैठक में जो मुख्यमंत्री शामिल होंगे उनमें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नाम हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी इस बैठक से दूर रह सकती हैं।
मुख्यमंत्री इस बैठक में राज्य-विशेष के मुद्दों को उठाएंगे। साथ ही वे पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र से और राशि की मांग भी कर सकते हैं।
ओडिशा में नक्सलियों द्वारा गत 20 दिनों से बंधक बनाए गए बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक झिना हिकाका का मसला उठने के साथ ही इस वाम पंथी चरमपंथ पर नियंत्रण लगाने के तरीकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि बैठक में पुलिस सुधारों, तटीय सुरक्षा एवं केंद्र-राज्य सम्बंधों पर चर्चा की जाएगी।
ज्ञात हो कि आंतरिक सुरक्षा पर यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) के खिलाफ कई राज्य अपना विरोध जता चुके हैं। एनसीटीसी पर मुख्यमंत्रियों के साथ अलग से चर्चा करने के लिए सरकार ने पांच मई को बैठक बुलाई है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एनसीटीसी के मौजूदा प्रारूप का मुखर विरोध करने वालो में शामिल हैं। ममता के अलावा तमिलनाडु, गुजरात और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों ने भी एनसीटीसी का विरोध किया है। मुख्यमंत्रियों का कहना है कि एनसीटीसी का मौजूदा प्रारूप राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा।
सूत्रों ने बताया कि उमर अब्दुल्ला राज्य के जमीनी हालात में सुधार के मद्देनजर कुछ इलाकों से सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (एएफएसपीए) हटाए जाने की मांग कर सकते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कोलकाता में बताया कि मुख्यमंत्रियों की बैठक में ममता शामिल नहीं हो सकती हैं लेकिन एनसीटीसी पर पांच मई को होने वाली बैठक में वह मौजूद रहेंगी।