नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 1996 के दूरसंचार उपकरण खरीद घोटाले में पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम का आत्मसमर्पण गुरुवार को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया। अस्पताल में इलाज के कारण गुरुवार को 84 वर्षीय सुखराम अदालत में पेश नहीं हुए।
अदालत ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों, दूरसंचार विभाग के पूर्व उप महानिदेशक रूनु घोष तथा हैदराबाद स्थित कम्पनी एडवांस्ड रेडियो मास्त्स के प्रबंध निदेशक पी. रामा राव को हिरासत में लेने का आदेश भी दिया।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 दिसम्बर को सुखराम को तीन साल की कैद की निचली अदालत की सजा बरकरार रखी थी। न्यायालय ने घोष और राव को दो साल कारावास की सजा पर भी मुहर लगाई थी। दोषी ठहराए गए उक्त सभी जमानत पर बाहर थे।
यह घोटाला हैदराबाद स्थित एक कम्पनी को सरकार को बेहद ऊंची दर पर संचार उपकरणों की आपूर्ति के लिए ठेका दिए जाने से सम्बंधित है।
अदालत ने इस मामले में दो अन्य आरोपियों, दूरसंचार विभाग के पूर्व उप महानिदेशक रूनु घोष तथा हैदराबाद स्थित कम्पनी एडवांस्ड रेडियो मास्त्स के प्रबंध निदेशक पी. रामा राव को हिरासत में लेने का आदेश भी दिया।
इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 21 दिसम्बर को सुखराम को तीन साल की कैद की निचली अदालत की सजा बरकरार रखी थी। न्यायालय ने घोष और राव को दो साल कारावास की सजा पर भी मुहर लगाई थी। दोषी ठहराए गए उक्त सभी जमानत पर बाहर थे।
यह घोटाला हैदराबाद स्थित एक कम्पनी को सरकार को बेहद ऊंची दर पर संचार उपकरणों की आपूर्ति के लिए ठेका दिए जाने से सम्बंधित है।
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