इस्लामिक मुफ्तियों के एक वर्ग ने प्रस्ताव पारित कर कहा कि सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) शरिया के मुताबिक ‘अवैध' है क्योंकि योजना के हिस्से के रूप में ब्याज अर्जित किया जाता है. जमीयत उलेमा ए हिन्द के मीडिया प्रभारी अजीमुल्लाह सिद्दीकी ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में संगठन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन में बच्चियों के लिए चलायी जा रही छोटी बचत योजना पर यह प्रस्ताव पारित किया गया. सिद्दीकी ने बताया कि एसएसवाई ब्याज पर आधारित है, इसलिए यह इस्लामिक शरिया के अनुसार अवैध है. नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2015 में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ'अभियान के तहत यह योजना आरंभ की थी. एक अन्य प्रस्ताव में विभिन्न मोबाइल ऐप के जरिये आर्थिक लेनदेन को अनुमति प्रदान की गयी. शरिया के मुताबिक कैशबैक या रिवार्ड प्वाइंट और ऐप से कैब बुकिंग करने को वैध करार दिया गया. इसी प्रस्ताव में कहा गया मुफ्तियों ने घोषणा की कि वैध वस्तुओं के विज्ञापन के लिए गुगल एडसेंस के उपयोग किया जाना उचित है.
Sukanya Samriddhi Yojana : खाता खुलवाने के लिए न्यूनतम सीमा 250 रुपये की गई
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा खूब सुनाई दिया. इस नारे को पीएम मोदी ने कई मंच पर दोहराया था. सरकार ने इसका विज्ञापन भी खूब किया था. और अब तो देखा जा रहा था कि कई गाड़ियों में पीछे यह एक नारे के रूप में लिखा रहता है. यानी जिन माता-पिता के पास बेटियां है वे इस नारे के महत्व को समझने के लगे हैं और इस प्रचारित और प्रसारित भी करने लगे. जिस देश में बेटी के पैदा होने के साथ ही पहले मातम का माहौल हो जाता था अब लगता है कि इस प्रवृत्ति में बदलाव आ रहा है. यही वजह है कि लोग बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत भी कर रहे हैं. कई अभिभावक अब इसके उदाहरण बन रहे हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Scheme) क्या है, इस पर मिलती है टैक्स छूट भी
यदि कोई बेटी के पिता है तो केंद्र सरकार की एक खास योजना है जो काफी फायदेमंद है. यह योजना एक या दो बेटियों के लिए है. ऐसे अभिभावकों को केंद्र सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ उठाना चाहिए. लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई यह योजना निश्चित तौर पर बच्ची के भविष्य के लिए लाभकारी है ही, साथ ही माता-पिता के कथित बोझ और चिंता को भी कम करती है. शादी के समय पर इसमें से रकम निकालना आसान है. अगर बेटी 10 साल से कम की है तो अभी पोस्ट ऑफिस और कुछ अन्य ऑथराइज्ड बैंकों जैसे एसबीआई, पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक में जाकर इससे जुड़ा खाता खुलवाया जा सकता है. इस योजना के तहत जब खाता 21 वर्ष को हो जाएगा, तब यह खाता मैच्योर हो जाता है. इस खाते में अभिभावक कम से कम 1000 रुपये प्रति माह से लेकर 150000 लाख सालाना तक डाल सकते हैं. खास बात यह है कि इसमें जमा धन पर 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलती है. यानी इसमें जमा डेढ़ लाख रुपये तक की राशि पर आपको टैक्स छूट मिलेगी.
अब बचत खाते जैसा हो जाएगा आपका PPF अकाउंट
अगर दो बेटियां हैं तो दोनों के लिए यह खाता खोला जा सकता है. लेकिन दो से अधिक बेटियों के लिए खाता नहीं खोला जा सकेगा. तीन बेटियों के लिए खाता खुलवाना तभी संभव है जब दूसरे बार जुड़वां बेटियां हो जाएं. कानूनी तौर पर बच्ची के अभिभावक या माता पिता ही खाता खुलवा सकते हैं. इस खाते को कम से कम 15 साल तक चलाना आवश्यक है. यह खाता 21 साल तक रखा जा सकता है. इसके बाद इस खाते पर ब्याज नहीं मिलेगा.
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इसमें जमा किए गए धन पर (वर्तमान दर) 8.6% सालाना के हिसाब से ब्याज मिलता है. किसी एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक हजार रुपए जमा करवाना जरूरी है और अधिक से अधिक 1,50,000 रुपए जमा करवाए जा सकते हैं. यह रकम एक ही बार में भी जमा करवाई जा सकती है और साल भर किस्तों के हिसाब से भी. हां एक बात का ध्यान रखें किसी कारणवश, यदि किसी वित्तीय वर्ष में कम से कम 1 हजार रुपए तक जमा नहीं करवा पाते हैं तो खाता बंद हो जाएगा और इसे फिर चालू करने के लिए आपको प्रति साल के हिसाब से 50 रुपए की पेनल्टी देनी होगी. साथ ही अकाउंट में मिनिमम अमाउंट भी सुनिश्चित करना होगा.
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