
Air Force Day: देश आज 93वां वायुसेना स्थापना दिवस मना रहा है, लेकिन क्या आपको पता है कि पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख कौन थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था. उन्हें भारतीय वायुसेना का जनक भी कहा जाता है. पहले भारतीय एयरफोर्स चीफ सुब्रतो मुखर्जी थे. वह पहले भारतीय थे, जिन्होंने इंडियन एयर फोर्स की किसी फ्लाइट को कमांड दी या उसका स्क्वाड्रन संभाला. वो 1 अप्रैल 1954 से 8 नवंबर 1960 तक वायुसेना प्रमुख पद पर रहे. वो स्वतंत्र भारत में वायुसेना के पहले प्रमुख थे.
रॉयल एयर फोर्स से ट्रेनिंग
आजादी से पहले ब्रिटिश शासनकाल के दौरान मुखर्जी उन छह भारतीय एयर फोर्स कैडेट्स में से एक थे, जिन्हें रॉयल एयर फोर्स (ब्रिटिश वायुसेना) के लिए चुना गया था. ट्रेनिंग के बाद मुखर्जी और चार अन्य को पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना की पहली स्क्वाड्रन में जिम्मेदारी मिली, जब 1 अप्रैल 1933 को इंडियन एयर फोर्स की पहली स्क्वाड्रन का गठन किया गया. मुखर्जी उस स्क्वाड्रन में पायलट ऑफिसर थे. जुलाई 1938 में इस स्क्वाड्रन में फ्लाइंग ऑफिसर के दौर पर जिम्मेदारी दी गई. फिर वो 16 मार्च 1939 को पहले भारतीय वायुसेना अफसर बने, जिन्हें किसी एयरफोर्स स्क्वाड्रन की कमान संभालने का मौका मिला हो.ये स्क्वाड्रन मीरानशाह में तैनात की गई.तब नार्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस (आज पाकिस्तान में) भित्तानी कबीलाई समूह के खिलाफ सैन्य अभियान में उन्होंने हिस्सा लिया.
सेकेंड वर्ल्ड वॉर में शामिल हुए
सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान उन्होंने ब्रिटिश आर्मी के अभियान में भाग लिया और उन्होंने साहसिक प्रदर्शन और सेवा के कारण उन्हें ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एंपायर का सम्मान मिला.आजादी के वक्त मुखर्जी सबसे सीनियर एयर कोमोडोर थे. उनके अलावा एयर कोमोडोर मेहर सिंह और नरेंद्र थे.

इंडियन एयर फोर्स का गठन
भारतीय वायुसेना का आधिकारिक तौर पर गठन 8 अक्टूबर 1932 को हुआ था. इसकी पहली एयरक्रॉफ्ट फ्लाइट 1 अप्रैल 1933 को हुई थी, जब ब्रिटिश आर्मी से प्रशिक्षित एयर सोल्जर्स इससे जुड़े. उस वक्त इंडियन एयरफोर्स के पास चार वेस्टलैंड वापिती IIA एयरक्रॉफ्ट थे.
आजादी के बाद ब्रिटिश अफसरों को कमान
15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के वक्त सीनियर अफसरों की कमी के कारण तत्कालीन ब्रिटिश अफसरों को ही कमांड सौंपी गई. एयर मार्शल सर थॉमस एलम्हर्स्ट पहले एयर फोर्स चीफ बने. जबकि एयर कोमोडोर सुब्रतो मुखर्जी उप वायुसेना प्रमुख बने. मुखर्जी साढ़े छह साल उप प्रमुख रहे. फिर 1 अप्रैल 1954 को उन्होंने महज 43 साल की उम्र में वायुसेना प्रमुख का पद संभाला. उनके वक्त दसॉल्ट मिस्टर, द हॉकर हंटर और द कैनबरा जैसे कई लड़ाकू विमान बेड़े में शामिल किए गए.

रेस्तरां में खाना खाते वक्त अचानक मौत
एयर इंडिया की 1960 में पहली इंटरनेशनल एयरलाइंस की फ्लाइट के दौरान वो भी अन्य एयरफोर्स अफसरों के साथ जापान की राजधानी टोक्यो गए थे. 8 नवंबर की रात वो दोस्तों के साथ टोक्यो के एक रेस्तरां में डिनर कर रहे थे. खाना खाते ही उनका गला चोक हो गया और उनकी सांस की नली बंद हो जाने से कुछ मिनटों में उनकी दुखद मृत्यु हो गई. सैन्य सम्मान के साथ 49 विमानों ने उन्होंने फ्लाई पास्ट के साथ उन्होंने विदाई दी गई थी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं