पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सुब्रमण्यम स्वामी। (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विवादों से खास रिश्ता रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी का नाम फिर सुर्खियों में हैं। केंद्र सरकार के खास अफसरशाहों के एक-एक करके निशाना बनाते रहे स्वामी के निशाने पर इस बार अटार्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी हैं। एक ट्वीट के जरिये उन्होंने एजी के खिलाफ तीखी टिप्पणी की। अपने ट्वीट में स्वामी ने लिखा, 'हेट स्पीच कानून को लेकर मेरी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. घटिया अटॉर्नी जनरल (मुकुल रोहतगी) जिस केस में मुझे बुक करना चाह रहे थे, सरकार के आदेश पर उन्हें वो केस वापस लेना पड़ा।'
जाहिर है इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी थी और वह आई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुकुल रोहतगी ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा,'मैं भी उनके खिलाफ ऐसे विशेषणों का इस्तेमाल कर सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। स्वामी ऐसे तेंदुए (लेपर्ड )की तरह हैं जो कभी अपने धब्बे (स्पॉट) नहीं छोड़ता।'
वाकई लगभग हर समय बखेड़ा खड़ा करने वाले स्वामी कभी 'चुप' नहीं रह सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी आलाकमान से मिली नसीहतों के बाद भी नहीं..। गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही एक इंटरव्यू के दौरान परोक्ष रूप से स्वामी की ओर से आए बयानों को लेकर सख्त लहजे में प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, 'कोई भी अगर कोई खुद को व्यवस्था से ऊपर समझता है तो यह गलत है। चाहे ये मेरी पार्टी में हो या नहीं, मेरा मानना है कि ये चीजें अनुचित हैं। प्रचार पाने की इस लालसा से कभी देश का भला नहीं होगा।' यही नहीं, स्वामी के रडार पर रहे आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की प्रशंसा करते हुए पीएम ने कहा था, 'राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं है। वह भारत से प्रेम करते हैं। वह जहां भी रहेंगे, भारत के लिए काम करेंगे।'
रघुराम राजन के बारे में यह बोले थे स्वामी
स्वामी के निशाने पर इससे पहले भी सरकार के नौकरशाह रह चुके हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को देश के लिए नुकसानदेह बताते हुए उन्होंने राजन को शिकागो भेजने की मांग तक कर डाली थी। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा था कि ‘मेरे विचार से आरबीआई गवर्नर इस देश के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहता। उन्होंने मुद्रास्फीति नियंत्रित करने की आड़ में ब्याज दर में बढ़ोतरी की जिससे देश को नुकसान हुआ है।’ गवर्नर की पहलों से उद्योग की गतिविधियां कम हुईं और अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी बढ़ी। जितनी जल्दी उन्हें शिकागो वापस भेजा जाए उतना अच्छा होगा। गौरतलब है कि रघुराम राजन स्वयं आरबीआई गवर्नर के तौर पर दूसरा कार्यकाल लेने के प्रति अनिच्छा जता चुके हैं और सितंबर में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार को भी बता चुके अमेरिका का हितैषी
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन पर भी निशाना साधते हुए स्वामी ने ट्वीट किया था कि एक भारतीय जिसे देशभक्त बताया जाता है, कैसे अमेरिका को भारत के खिलाफ सलाह दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उन्हें माफ किया जा सकता है तो वह भी अपनी मांग वापस ले लेंगे। स्वामी का आरोप है कि वस्तु और सेवा कर (GST) पर कांग्रेस को अपनी धाराओं पर अड़े रहने के लिए अरविंद ने ही उत्साहित किया। बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि अमेरिकी दवा कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए अरविंद ने ही अमेरिका को भारत के खिलाफ मार्च 2013 में कार्रवाई के लिए कहा था।
इसके बाद बारी थी आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास की
स्वामी ने अरविंद सुब्रमण्यन पर निशाना साधने के बाद आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास के खिलाफ ट्वीट किया था उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि उनके (दास के) खिलाफ महाबलीपुरम के प्रमुख स्थान पर संपत्ति सौदे में मदद पहुंचाने से जुड़ा मामला लंबित है। स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल के फॉलोअर्स को जवाब में यह ट्वीट किया था। यह हमला केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी नागवार गुजरा था और उन्होंने जवाबी ट्वीट में कहा था, ‘यह वित्त मंत्रालय के एक अनुशासित अधिकारी पर अनुचित व गलत हमला है।'
स्वामी को 'परमाणु विखंडनीय सामग्री' बता चुके हैं कपिल सिब्बल
जब-तब अपने बेलाग बयानों से विवाद खड़े करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी को कांग्रेस 'परमाणु विखंडनीय सामग्री' करार दे चुकी है। दिग्गज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में स्वामी का नाम लिए बगैर कहा, 'उन्होंने परमाणु विखंडनीय सामग्री संसद में लाई है और इसे वहां रखा है। यह उन पर ही फटेगा। (वित्त मंत्री) जेटली इस विस्फोट को महसूस कर रहे हैं।' जेटली, आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों पर स्वामी के हमलों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान ऐसी कभी नहीं हुआ...।
My Petition on hate speech laws came in SC today. Slimy AG on Govt order had to delete his demand for my prosecution for an anti terror book
— Subramanian Swamy (@Swamy39) 11 जुलाई 2016
जाहिर है इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया आनी थी और वह आई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुकुल रोहतगी ने इस ट्वीट का जवाब देते हुए कहा,'मैं भी उनके खिलाफ ऐसे विशेषणों का इस्तेमाल कर सकता हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। स्वामी ऐसे तेंदुए (लेपर्ड )की तरह हैं जो कभी अपने धब्बे (स्पॉट) नहीं छोड़ता।'
वाकई लगभग हर समय बखेड़ा खड़ा करने वाले स्वामी कभी 'चुप' नहीं रह सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी आलाकमान से मिली नसीहतों के बाद भी नहीं..। गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पहले ही एक इंटरव्यू के दौरान परोक्ष रूप से स्वामी की ओर से आए बयानों को लेकर सख्त लहजे में प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, 'कोई भी अगर कोई खुद को व्यवस्था से ऊपर समझता है तो यह गलत है। चाहे ये मेरी पार्टी में हो या नहीं, मेरा मानना है कि ये चीजें अनुचित हैं। प्रचार पाने की इस लालसा से कभी देश का भला नहीं होगा।' यही नहीं, स्वामी के रडार पर रहे आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की प्रशंसा करते हुए पीएम ने कहा था, 'राजन की देशभक्ति किसी से कम नहीं है। वह भारत से प्रेम करते हैं। वह जहां भी रहेंगे, भारत के लिए काम करेंगे।'
रघुराम राजन के बारे में यह बोले थे स्वामी
स्वामी के निशाने पर इससे पहले भी सरकार के नौकरशाह रह चुके हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को देश के लिए नुकसानदेह बताते हुए उन्होंने राजन को शिकागो भेजने की मांग तक कर डाली थी। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा था कि ‘मेरे विचार से आरबीआई गवर्नर इस देश के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं उनके बारे में ज्यादा नहीं बोलना चाहता। उन्होंने मुद्रास्फीति नियंत्रित करने की आड़ में ब्याज दर में बढ़ोतरी की जिससे देश को नुकसान हुआ है।’ गवर्नर की पहलों से उद्योग की गतिविधियां कम हुईं और अर्थव्यवस्था में बेरोजगारी बढ़ी। जितनी जल्दी उन्हें शिकागो वापस भेजा जाए उतना अच्छा होगा। गौरतलब है कि रघुराम राजन स्वयं आरबीआई गवर्नर के तौर पर दूसरा कार्यकाल लेने के प्रति अनिच्छा जता चुके हैं और सितंबर में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार को भी बता चुके अमेरिका का हितैषी
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन पर भी निशाना साधते हुए स्वामी ने ट्वीट किया था कि एक भारतीय जिसे देशभक्त बताया जाता है, कैसे अमेरिका को भारत के खिलाफ सलाह दे सकता है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उन्हें माफ किया जा सकता है तो वह भी अपनी मांग वापस ले लेंगे। स्वामी का आरोप है कि वस्तु और सेवा कर (GST) पर कांग्रेस को अपनी धाराओं पर अड़े रहने के लिए अरविंद ने ही उत्साहित किया। बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि अमेरिकी दवा कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए अरविंद ने ही अमेरिका को भारत के खिलाफ मार्च 2013 में कार्रवाई के लिए कहा था।
इसके बाद बारी थी आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास की
स्वामी ने अरविंद सुब्रमण्यन पर निशाना साधने के बाद आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास के खिलाफ ट्वीट किया था उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि उनके (दास के) खिलाफ महाबलीपुरम के प्रमुख स्थान पर संपत्ति सौदे में मदद पहुंचाने से जुड़ा मामला लंबित है। स्वामी ने अपने ट्विटर हैंडल के फॉलोअर्स को जवाब में यह ट्वीट किया था। यह हमला केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को भी नागवार गुजरा था और उन्होंने जवाबी ट्वीट में कहा था, ‘यह वित्त मंत्रालय के एक अनुशासित अधिकारी पर अनुचित व गलत हमला है।'
स्वामी को 'परमाणु विखंडनीय सामग्री' बता चुके हैं कपिल सिब्बल
जब-तब अपने बेलाग बयानों से विवाद खड़े करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी को कांग्रेस 'परमाणु विखंडनीय सामग्री' करार दे चुकी है। दिग्गज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में स्वामी का नाम लिए बगैर कहा, 'उन्होंने परमाणु विखंडनीय सामग्री संसद में लाई है और इसे वहां रखा है। यह उन पर ही फटेगा। (वित्त मंत्री) जेटली इस विस्फोट को महसूस कर रहे हैं।' जेटली, आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों पर स्वामी के हमलों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान ऐसी कभी नहीं हुआ...।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं