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This Article is From Sep 02, 2020

प्रश्नकाल रद्द होने पर बोले शशि थरूर- मैंने तो कहा ही था लोकतंत्र को दबाने के लिए ताकतवर नेता महामारी का बहाना बनाएंगे

थरूर ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा, "सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र में ऑक्सीजन की तरह है."

प्रश्नकाल रद्द होने पर बोले शशि थरूर- मैंने तो कहा ही था लोकतंत्र को दबाने के लिए ताकतवर नेता महामारी का बहाना बनाएंगे
प्रश्नकाल रद्द होने पर शशि थरूर ने साधा निशाना (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session) में प्रश्नकाल (Question Hour) नहीं होगा. इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद सरकार पर निशाना साधा रहे हैं. कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने बुधवार को कहा, "मैंने चार महीने पहले कहा था कि ताकतवर नेता लोकतंत्र और असहमति को दबाने के लिए महामारी का बहाना करेंगे. संसद सत्र के लिए अधिसूचना जारी की गई, जिसमें घोषणा की गई है कि प्रश्नकाल नहीं होगा. हमें सुरक्षित रखने नाम पर इसे ऐसे उचित ठहराया जा सकता है? जानिए क्या है प्रश्नकाल न होने की वजह

थरूर ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा, "सरकार से सवाल करना संसदीय लोकतंत्र में ऑक्सीजन की तरह है. यह सरकार संसद को एक नोटिस बोर्ड तक सीमित करना चाहती है और अपने भारी बहुमत का रबर स्टैम्प की तरह इस्तेमाल करके जो भी चाहे संसद में पास कराना चाहती है. जवाबदेही को बढ़ावा देने वाले तंत्र को अब दूर कर दिया गया है." 

बता दें कि 14 सितंबर से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में प्रश्न काल नहीं होगा. लोक सभा पहले दिन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक बैठेगी. बाकी दिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठक होगी. इसी तरह राज्य सभा पहले दिन यानी 14 सितंबर को दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक बैठेगी, लेकिन बाकी दिन सुबह नौ बजे दोपहर एक बजे तक बैठेगी. कोरोना वायरस महामारी को देखते में संसद की कार्यवाही में व्यापक बदलाव किए गए हैं. शून्यकाल बना रहेगा. शनिवार और रविवार छुट्टी नहीं होगी. 14 सितंबर से एक अक्तूबर तक कुल 18 बैठक होगी.

वीडियो: 14 सितंबर से शुरू हो रहा है मॉनसून सत्र, सांसदों का होगा कोरोना टेस्ट

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