दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए G-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने में दिल्ली पुलिस और सुरक्षाबलों का खास योगदान रहा है. दिल्ली पुलिस की कई महीनों की तैयारियों और अभ्यास की वजह से विश्वस्तरीय सम्मेलन शांति और सद्भाव के साथ सम्पन्न हुआ. इस विराट आयोजन के लिए दिल्ली में एक ऐसा तबका है, जिसने बिना वर्दी के देश के सम्मान की खातिर अपनी निः स्वार्थ सेवाएं दी. इन लोगों को सोसाइटी में रेहड़ी पटरी वाले के नाम से पुकारा जाता है.
G-20 को सुरक्षित बनाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा सभी असरदार संसाधनों का इस्तेमाल किया गया. दिलचस्प बात ये है पुलिस फ़ोर्स की कमी होने के बाद पुलिस का साथ देने आये कमला मार्केट पुलिस स्टेशन इलाके के रेहड़ी पटरी वाले. कमला मार्केट पुलिस को अपने आई एंड ईयर स्कीम में आने वाले सभी रेहड़ी पटरी वालों का भरपूर सहयोग मिला.
भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन है. इस स्टेशन पर अजमेरी गेट की तरफ से रोजाना 5 लाख यात्रियों का आवागमन होता है. भीड़ और वाहनों का मजमा सबसे अधिक इसी तरफ लगता है. पुलिस बल की कमी के कारण उन पर नज़र रखना बेहद मुश्किल था. ऐसे में पुलिस को रेहड़ी-पटरी वालों का भरपूर सहयोग मिला. यह लोग एक सप्ताह से पुलिस के साथ जैकेट पहनकर स्टेशन के इलाके में रोजाना गश्त करते थे.
आखिरी के तीन दिन समिट के दौरान अजमेरी गेट की तरफ जितने भी रेलवे स्टेशन और मेट्रो के गेट हैं, वहां वो खुद पहरेदारी देते थे. इन रेहड़ी पटरी वालों ने समिट के दौरान असामाजिक तत्वों और देश विरोधी हरकत करने वालों पर कड़ी नज़र रखी.
स्टेशन के सामने अपना ठेला लगाने वाले मोहम्मद मुस्तकीम का कहना है कि "देश की इज्जत की बात है, देश को नीचा दिखने वाले लोग गलत हरकत ना करें, इसलिए हमने भी पुलिस की तरह अपना फ़र्ज़ निभाया."
बिना वर्दी किसी लालसा के इन पुलिस की आंख और कान बने इन रेहड़ी पटरी वालों ने इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने में अपना छोटा सा ही सही, लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
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