हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में हाल में हुई सांप्रदायिक झड़पों के सिलसिले में अब तक कुल 202 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 80 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से पहाड़ियों से गोलियां चलाई गईं और इमारतों की छतों पर पत्थर जमा किए गए, उससे पता चलता है कि नूंह हिंसा पूर्व नियोजित थी.
विज ने कहा कि झड़पों के संबंध में अब तक 102 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, जिनमें से आधी अकेले नूंह में और बाकी गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा पलवल सहित अन्य जिलों में दर्ज की गई हैं. उन्होंने अंबाला में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा.'' विज ने यह भी कहा कि जांच जारी है.
उन्होंने कहा, "यह एक बड़ा गेम प्लान है... हर व्यक्ति के हाथ में लाठी थी. क्या ये मुफ्त में बांटे जा रहे थे? किसी ने इसकी व्यवस्था की होगी. गोलियां चल रही थीं. हथियार कहां से आए? हम मामले की गहराई तक जाएंगे." मंत्री ने इससे पहले मंगलवार को भी कहा था कि हिंसा की साजिश रची गई थी और इसके पीछे कोई साजिशकर्ता है.
इधर, नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह ने कहा कि हरियाणा के नूंह जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा की जांच में अब तक इस घटना के पीछे किसी मुख्य साजिशकर्ता का हाथ होने का पता नहीं चला है और ये कई अलग-अलग समूहों का काम था. पुलिस पहले ही हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है.
इस बीच, जब मंत्री से पूछा गया कि क्या प्रशासन दोषियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाएगी, तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "जहां भी जरूरी होगा, बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाएगा." उन्होंने कहा, ''इलाज में बुलडोजर भी एक करवाया गया है.''
हरियाणा के अधिकारियों ने अतीत में नूंह और अन्य हिस्सों में कथित अपराधियों की संरचनाओं को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया है. नूंह में एक साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को निशाना बनाए जाने पर विज ने कहा, "हमने घटना को बहुत गंभीरता से लिया है."
उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि पुलिस स्टेशन पर हमला किसने किया और वे कौन से रिकॉर्ड नष्ट करना चाहते थे. नूंह एक नया जामताड़ा (झारखंड का जिला जो भारत के साइबर अपराध केंद्र के रूप में कुख्यात है) बन रहा है.
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