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This Article is From Apr 30, 2020

राज्य सरकारों की केंद्र से अपील, बसों के जरिए प्रवासी मजदूरों को घर भेजना मुमकिन नहीं : सूत्र

दक्षिण भारत के कई राज्यों ने केंद्र सरकार से कहा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक सभी प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिए उनके घरों तक वापस भेजना मुमकिन नजर नहीं आता है.

राज्य सरकारों की केंद्र से अपील, बसों के जरिए प्रवासी मजदूरों को घर भेजना मुमकिन नहीं : सूत्र
कुछ राज्य सरकारें ऐसी भी हैं जो यह नहीं चाहती कि उनके यहां के मजदूर वापस जाएं.
नई दिल्ली:

दक्षिण भारत के कई राज्यों ने केंद्र सरकार से कहा है कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक सभी प्रवासी मजदूरों को बसों के जरिए उनके घरों तक वापस भेजना मुमकिन नजर नहीं आता है. इन राज्यों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए ट्रेन की व्यवस्था की जाए. बसों के जरिए इतनी बड़ी संख्या में ,इतनी लंबी दूरी तक प्रवासी मजदूरों को भेज पाना मुमकिन नजर नहीं आ रहा है. इस मामले में केंद्र ने कहा है कि वह इस ओर ध्यान देंगे. आज केंद्रीय कैबिनेट सचिव और अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों की मीटिंग में इस बात पर चर्चा की गई.

इससे पहले बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक प्रवासी मजदूरों या इसी तरह फंसे हुए अन्य लोगों को केवल सड़क के जरिए हैं बसों में बैठाकर ही उनके घर तक पहुंचाया जा सकता है और राज्यों को परिवहन का इंतजाम करना होगा. कई राज्यों ने केंद्र का ध्यान इस ओर लाने की कोशिश की है कि हजारों ऐसे लोग हैं जो कि उत्तर प्रदेश, ,बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के रहने वाले हैं और दक्षिण भारत के राज्यों में काम करते हैं. इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए कई राज्यों से होकर गुजरना पड़ेगा.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि इतनी बड़ी संख्या में हजारों लोगों को इतनी दूरी तक बसों के जरिए पहुंचाना अव्यावहारिक है. इस मामले में बिहार आपत्ति जताने वाला पहला राज्य है. राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि प्रवासी मजदूरों को दूर जगह पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं.

कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा बुरी तरह प्रभावित रहने वाले राज्य महाराष्ट्र ने भी इसी तरह की मांग की है. राज्य की राजधानी मुंबई में बहुत से प्रवासी मजदूर हैं जो कि देश के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं और यहां काम कर रहे हैं.

तमिलनाडु सरकार ने केंद्र को बताया है कि राज्य में चार लाख ऐसे प्रवासी मजदूर हैं जो कि बिहार और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और सड़क के जरिए इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर नहीं भेजा जा सकता है.

हालांकि सिर्फ यही एक मुद्दा नहीं है बल्कि केंद्र ने राज्यों को मजदूरों को भेजने से कोरोना जांच करने के लिए कहा है. इतनी बड़ी संख्या में टेस्ट करना राज्य सरकारों के लिए एक बड़ी चुनौती है.

कुछ ऐसी राज्य सरकारें भी हैं जो यह नहीं चाहती कि यहां के मजदूर वापस जाएं क्योंकि क्योंकि उनके जाने से उद्योग और कारखानों को चलाने में दिक्कत पैदा हो सकती है.

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