इंडिगो के विमान में आपातकालीन निकास पंक्ति में बैठी एक तेलुगु महिला को कथित तौर पर अपनी सीट बदलने के लिए मजबूर किया गया. क्योंकि वह अंग्रेजी नहीं बोल सकती थी. दो दिन पहले विजयवाड़ा-हैदराबाद रूट (6E7297 उड़ान) पर हुई इस घटना के बाद तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने एयरलाइन से स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने का आग्रह किया है.
मंत्री ने कहा, "प्रिय @इंडिगो6ई प्रबंधन, मैं आपसे स्थानीय भाषाओं और यात्रियों का सम्मान करना शुरू करने का अनुरोध करता हूं, जो अंग्रेजी या हिंदी में अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हो सकते हैं."
गैर-हिंदी भाषी लोगों को यह विकल्प दिए बिना कि वे हिंदी सीखना चाहते हैं या नहीं, स्थानीय भाषा का सम्मान, हिंदी के प्रति प्रतिरोध और आक्रोश, गैर-हिंदी भाषी आबादी के बीच गुस्से का एक भावनात्मक और भावुक बिंदु है, विशेष रूप से भारत में.
मंत्री ने कहा, "लोकल रूट में, अधिक कर्मचारियों की भर्ती करें जो स्थानीय भाषा जैसे तेलुगु, तमिल, कन्नड़ आदि बोल सकते हैं. यह एक सही समाधान होगा"
Dear @IndiGo6E Management, I request you to start respecting local languages & passengers who may not be well conversant in English or Hindi
— KTR (@KTRTRS) September 18, 2022
In regional routes, recruit more staff who can speak the local language like Telugu, Tamil, Kannada etc. This will be a win-win solution https://t.co/GbJGi5nl0W
आईआईएम अहमदाबाद में शिक्षा की सहायक प्रोफेसर देवस्मिता चक्रवर्ती, जिन्होंने इस घटना को उजागर किया, उन्होंने कहा कि महिला को अपनी सीट छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि अटेंडेंट ने इसे 'सुरक्षा मुद्दा' बताया.
देवस्मिता चक्रवर्ती ने एक तस्वीर पोस्ट कर कहा, "हरे रंग के कपड़े में बैठी महिला मूल रूप से 2A (XL सीट, एग्जिट रो) में बैठी थी, उसे 3C सीट पर बैठने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि वह केवल तेलुगु समझती थी, अंग्रेजी/हिंदी नहीं. अटेंडेंट ने कहा कि यह एक सुरक्षा मुद्दा है." चक्रवर्ती ने इसे भेदभाव बताया.
Indigo 6E 7297. Vijayawada (AP) to Hyderabad (Telangana), Sept 16-2022. The woman in green originally sitting in 2A (XL seat, exit row) was forced to seat 3C because she understood only Telugu, not English/Hindi. The attendant said it's a security issue. #discrimination @IndiGo6E pic.twitter.com/bHa8hQj5vz
— Devasmita Chakraverty, PhD, MPH (@DevasmitaTweets) September 17, 2022
देवस्मिता चक्रवर्ती ने कहा कि विमान में तेलुगु भाषा में कोई निर्देश नहीं था. उन्होंने कहा, "एपी से तेलंगाना के लिए उड़ान में तेलुगु में कोई निर्देश नहीं है, परिचारक ने कहा कि यह एक सुरक्षा मुद्दा है कि वह अंग्रेजी/हिंदी नहीं समझती है. अगर दुखी है, तो हमें (उसे नहीं) शिकायत करनी चाहिए. कोई गरिमा नहीं, अपने ही राज्य में गैर-हिंदी को द्वितीय श्रेणी के नागरिक के रूप में माना जाता है."
वहीं चक्रवर्ती की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, कई लोगों ने बताया कि यह भाषाई भेदभाव नहीं है, बल्कि सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है. वहीं अन्य लोगों ने कहा कि भारत की बड़ी संख्या में भाषाओं को देखते हुए, एयरलाइनों के लिए स्थानीय भाषा में बोलने वाले केबिन क्रू को रोस्टर करना मुश्किल होगा.
चक्रवर्ती ने आगे कहा, "ज्योतिरादित्य सिंधिया मैं इसे व्यवस्थित स्तर पर हल करने के लिए आपकी ओर देख रहा हूं. नीति के रूप में, सुरक्षा निर्देश सभी भाषाओं में उपलब्ध होने चाहिए और आवश्यकता के अनुसार उपयोग किए जाने चाहिए, न कि केवल अंग्रेजी/हिंदी में. सभी के साथ समान व्यवहार करना गरिमा और सुरक्षा का मामला है. आशा है कि आप सही काम करेंगे."
घटना के बारे में पीड़ित महिला या केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
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