विक्रमजीत, जिन्होंने राकेश संग मिलकर दबोचा पाकिस्तानी आतंकी
ऊधमपुर:
पाकिस्तानी आतंकवादी नावेद से निहत्थे ही जूझकर धर दबोचने और पुलिस के आने तक काबू में रखने वाले राकेश और विक्रमजीत को गोल्ड मेडल दिया जाएगा। उन्हें नकद इनाम भी दिया जाएगा और ये सम्मान उन्हें 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिया जाएगा।
विक्रमजीत और राकेश थे एकदम निहत्थे
बुधवार को जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर के निकट बीएसएफ के दस्ते पर हमला करने के बाद बचने की कोशिश में नावेद गांव में घुस गया था और उसने तीन लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें राकेश और विक्रमजीत भी थे। ये दोनों गांव की डिफेंस कमिटी के सदस्य भी हैं। आतंकी नावेद के पास एके 47 राइफल थी और गांव वाले निहत्थे थे लेकिन उन्होंने जान की कीमत पर आतंकी नावेद पर हमला बोल दिया था।
'हमने एक चांस लिया और उसे काबू में कर लिया'
इस बहादुर कृत्य पर वाहवाही बटोरने वाले विक्रमजीत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हम वैसे भी मौत के चंगुल में थे तो हमने एक चांस लिया और उसे काबू में कर लिया।' राकेश ने बताया, 'मैंने सोचा हम मरने वाले हैं तो क्यों न इसे भी साथ लेकर मरें।' उन्होंने बताया कि उन्होंने आतंकी के हाथ को कुछ यूं पकड़ लिया कि वह हिल नहीं सका और तब विक्रमजीत ने उसकी गन छीन ली। इस बीच आतंकी ने गोली चला दी लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। डेढ़ घंटे की लड़ाई के बाद आतंकी को उन्होंने काबू में कर लिया।
देखें वीडियो: आतंकी का कबूलनामा: 12 दिन से भारत में हूं...
मिल सकते हैं कई सम्मान और सरकारी नौकरी..
ऊधमपुर के जिला न्यायधीश डॉ शाहिद इकबाल ने, जिन्हें हाल ही में पीएम मोदी द्वारा उनके प्रशासनिक कामों के लिए सम्मानित किया गया है, ने कहा- यह बड़ा हमला था। विक्रमजीत और राकेश ने जो किया वह आदर्श है। हम उन्हें जिला स्तर पर 50 हजार रुपए देंगे और उनका नाम राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ब्रेवरी अवॉर्ड्स के लिए भेजेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी नौकरी दिए जाने की भी सिफारिश की जाएगी
उमर अब्दुल्ला का ट्वीट
बुधवार को राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया- निहत्थे नागरिकों का एक बंदूकधारी आतंकवादी से जूझना और उसे निहत्था कर देना बहुत बहादुरी का काम है। उन्हें इस बहादुरी के लिए उचित इनाम मिलना चाहिए।
विक्रमजीत और राकेश थे एकदम निहत्थे
बुधवार को जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर के निकट बीएसएफ के दस्ते पर हमला करने के बाद बचने की कोशिश में नावेद गांव में घुस गया था और उसने तीन लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें राकेश और विक्रमजीत भी थे। ये दोनों गांव की डिफेंस कमिटी के सदस्य भी हैं। आतंकी नावेद के पास एके 47 राइफल थी और गांव वाले निहत्थे थे लेकिन उन्होंने जान की कीमत पर आतंकी नावेद पर हमला बोल दिया था।
'हमने एक चांस लिया और उसे काबू में कर लिया'
इस बहादुर कृत्य पर वाहवाही बटोरने वाले विक्रमजीत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, 'हम वैसे भी मौत के चंगुल में थे तो हमने एक चांस लिया और उसे काबू में कर लिया।' राकेश ने बताया, 'मैंने सोचा हम मरने वाले हैं तो क्यों न इसे भी साथ लेकर मरें।' उन्होंने बताया कि उन्होंने आतंकी के हाथ को कुछ यूं पकड़ लिया कि वह हिल नहीं सका और तब विक्रमजीत ने उसकी गन छीन ली। इस बीच आतंकी ने गोली चला दी लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। डेढ़ घंटे की लड़ाई के बाद आतंकी को उन्होंने काबू में कर लिया।
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मिल सकते हैं कई सम्मान और सरकारी नौकरी..
ऊधमपुर के जिला न्यायधीश डॉ शाहिद इकबाल ने, जिन्हें हाल ही में पीएम मोदी द्वारा उनके प्रशासनिक कामों के लिए सम्मानित किया गया है, ने कहा- यह बड़ा हमला था। विक्रमजीत और राकेश ने जो किया वह आदर्श है। हम उन्हें जिला स्तर पर 50 हजार रुपए देंगे और उनका नाम राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर ब्रेवरी अवॉर्ड्स के लिए भेजेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी नौकरी दिए जाने की भी सिफारिश की जाएगी
उमर अब्दुल्ला का ट्वीट
बुधवार को राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया- निहत्थे नागरिकों का एक बंदूकधारी आतंकवादी से जूझना और उसे निहत्था कर देना बहुत बहादुरी का काम है। उन्हें इस बहादुरी के लिए उचित इनाम मिलना चाहिए।
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