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थाने में जितने SI थे वो मुझसे पढ़े थे, नजर नहीं मिला पा रहे थे, जॉब से मजबूर थे.... नीतू मैम ने NDTV से कहा

नीतू मैम ने कहा कि जिस पुलिस स्‍टेशन में रखा गया, वहां पर जितने भी एसआई आए, वो सब मुझसे पढ़े हुए थे. वो नजरें नहीं मिला पा रहे थे. क्‍योंकि उनको समझ में आ रहा था कि इनके साथ क्‍या हो रहा है.

थाने में जितने SI थे वो मुझसे पढ़े थे, नजर नहीं मिला पा रहे थे, जॉब से मजबूर थे....  नीतू मैम ने NDTV से कहा
  • देशभर के हजारों छात्रों और शिक्षकों ने SSC की परीक्षा प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया.
  • प्रदर्शन के दौरान छात्रों और शिक्षकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और बाद में उन्हें हिरासत में भी लिया गया.
  • नीतू मैम ने कहा कि थाने में जितने भी SI थे वो मुझसे पढ़े हुए थे और मुझसे नजर नहीं मिला पा रहे थे.
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नई दिल्‍ली :

देशभर के हजारों छात्रों ने गुरुवार को कर्मचारी चयन आयोग (Staff Selection Commission) की परीक्षा प्रक्रिया में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में छात्रों के साथ उनके कुछ शिक्षक भी नजर आए. जानी-मानी शिक्षिका नीतू सिंह जिन्‍हें लोग नीतू मैम के नाम से भी जानते हैं, अन्य शिक्षकों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल हुईं. हालांकि छात्रों और शिक्षकों ने आरोप लगाया कि उन पर लाठीचार्ज किया गया. वहीं बाद में उन्‍हें हिरासत में भी लिया गया. इसे लेकर नीतू मैम ने एनडीटीवी से कहा कि जिस पुलिस स्‍टेशन में मुझे रखा गया था, वहां पर जितने भी एसआई थे वो सब मुझसे पढ़े हुए थे और नजरें नहीं मिला पा रहे थे.

नीतू मैम ने अपने साथ हुए बर्ताव पर कहा, "जिन पुलिस वालों ने बर्ताव किया है, वो भी हमारे से पढ़े हुए हैं. ज्‍यादातर देखकर के पहचान गए थे कि यह नीतू मैम है. जिस पुलिस स्‍टेशन में रखा गया, वहां पर जितने भी एसआई आए, वो सब मुझसे पढ़े हुए थे. वो नजरें नहीं मिला पा रहे थे. क्‍योंकि उनको समझ में आ रहा था कि इनके साथ क्‍या हो रहा है."

वो अपनी जॉब से मजबूर: नीतू मैम 

हालांकि नीतू मैम ने उन पुलिस अधिकारियों को इसके लिए दोष नहीं दिया और कहा कि वो अपनी जॉब से मजबूर हैं. एनडीटीवी से उन्‍होंने कहा, "वो अपनी जॉब से मजबूर हैं. हम उनको नहीं कहेंगे कि वो गलत कर रहे हैं. क्‍योंकि उनको भी ऊपर से आदेश रहता है और हम लोग भी उनको सिखाते हैं कि अगर आप सरकार के सिस्‍टम में हो तो सरकार की बात मानना आपका कर्तव्‍य है. वो अपना कर्तव्‍य निभा रहे थे.

साथ ही कहा कि अगर एग्‍जाम सेंटर जाने से पहले बच्‍चों को यह टेंशन हो कि माउस चलेगा या नहीं. समय से हमें अंदर जाने दिया जाएगा या नहीं जाने दिया जाएगा या कहीं मेरा कंप्‍यूटर बीच में ही बंद न हो जाए तो यह सब टेंशन बच्‍चों को नहीं लेनी है. उन्‍होंने कहा कि यह टेंशन सेंटर्स को लेनी चाहिए और उन्‍हें सब कुछ हैंडल करना चाहिए.

3 चीजों के लिए लड़ रहे हैं: नीतू मैम

उन्‍होंने कहा कि हम अपने लिए नहीं लड़ रहे हैं. हम तीन चीजों के लिए लड़ रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि फ्री और फेयर तरीके से एग्‍जाम का सिस्‍टम हो. प्रश्‍नपत्र में अनियमितताएं और कोई गलती न हो और उचित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर हो. जहां पर जब स्‍टडेंट एग्‍जाम देने के लिए जाए तो उन्‍हें बेसिक सुविधाओं के लिए लड़ना न पड़े.

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