
'INS वागीर' (INS Vagir) पिछले दो साल में भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है...
कलवरी-क्लास पनडुब्बी 'INS वागीर' की खासियतें...
कलवरी क्लास की पांचवीं पनडुब्बी 'वागीर' को फ्रांस की मेसर्स नेवल ग्रुप (Messers Naval Group) की मदद से भारत में ही बनाया गया है.
'वागीर' का निर्माण मुंबई के मझगांव डॉक में बनाया गया है.
आधुनिक तकनीकी से स्वदेश में ही बनी यह पनडुब्बी रक्षाक्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, और 'आत्मनिर्भर भारत' (Atmanirbhar Bharat) की तरफ बढ़ते कदमों का परिचायक है.
नौसेना प्रमुख आर. हरिकुमार द्वारा पनडुब्बी को नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने पर इसे 'INS वागीर' के नाम से जाना जाएगा.
वागीर फारसी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ 'शिकारी' होता है.
'INS वागीर' पिछले दो साल में भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली तीसरी पनडुब्बी है.
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार के मुताबिक, 'INS वागीर' अचूक हथियारों से लैस घातक प्लेटफॉर्म है.
नौसेना प्रमुख ने कहा, "हम अपनी ज़रूरतों के लिए आत्मनिर्भर बनने जा रहे हैं, लेकिन आत्मनिर्भर के विचार का मतलब दुनिया के लिए बनाना भी है... हम पहले से ही श्रीलंका, मालदीव और कुछ अन्य छोटे देशों के लिए जहाज़ बना रहे हैं..."
एडमिरल आर. हरिकुमार ने कहा, "हमारी क्षमता का विकास किसी देश विशेष के खिलाफ नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना है... पाकिस्तान भी अपने नेवल इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत बना रहा है, चीन के पास भी नेवल इंफ्रास्ट्रक्चर मज़बूत है, लेकिन चीन मुख्य रूप से साउथ चाइना सी में ऑपरेट करता है और हम हिन्द महासागर में ऑपरेट करते हैं, यह हमारा एरिया है..."
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने कहा, "हम दिन-ब-दिन अधिक से अधिक स्वदेशी होते जा रहे हैं..."