विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति भवन में रहनेवाला व्यक्ति ‘‘सोचने-समझने और बोलने वाला'' होना चाहिए, न कि रबड़ स्टांप. सिन्हा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का नामांकन पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत किए जाने की निंदा की और कहा कि उन्होंने अपना नामांकन स्वयं दाखिल किया. उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘भारत को एक ऐसे राष्ट्रपति की जरूरत है जो संविधान के निष्पक्ष संरक्षक के तौर पर काम करे, न कि जो सरकार के लिए रबड़ स्टांप की तरह काम करे. राष्ट्रपति के पास खुद की सोचने-समझने की शक्ति हो और जब भी कार्यपालिका अथवा गणतंत्र का कोई अन्य प्रतिष्ठान संवैधानिक सिद्धांतों से विमुख हो तो वह उस शक्ति का इस्तेमाल बिना किसी भय या पक्षपात के निष्ठापूर्वक करे.''
केन्द्रीय मंत्री रह चुके सिन्हा ने केन्द्र सरकार की सैन्य भर्ती योजना अग्निपथ की भी आलोचना की और कहा कि इसे लागू करने से पहले कोई जरूरी विचार-विमर्श नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि रक्षा मुद्दे पर संसद की स्थाई समितियां हैं लेकिन उनसे भी विचार-विमर्श नहीं किया गया.
सिन्हा ने राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की हत्या की घटना की भी निंदा की और कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाओं का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है तथा दोषियों को देश के कानून के अनुरूप सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए. वहीं उन्होंने ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की भी निंदा की और कहा कि पत्रकार की गिरफ्तारी निराधार आरोपों पर की गई है.
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